आंध्र प्रदेश की होंगी तीन राजधानी, राज्यपाल ने दी मंजूरी

Andhra Pradesh to have three capitals; Governor approved the bill ...

आंध्र प्रदेश (एपी) के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने 31 जुलाई 2020 को राज्‍य सरकार के तीन राजधानी वाले योजना को मंजूरी दे दी है. आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने इस साल की शुरुआत में राज्य की तीन राजधानियां बनाने की योजना को आकार देने संबंधी विधेयक को आंध्र प्रदेश विधानसभा में पेश किया था.

राज्यपाल ने 31 जुलाई 2020 को एपी विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों के समग्र विकास विधेयक 2020 और एपी राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधित) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद दोनों विधेयक अब औपचारिक रूप से कानून बन गए हैं, लेकिन तीन राजधानियों योजना को यथार्थ रूप देने से पहले सरकार को कानूनी अड़चनें दूर करनी होगी.

आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी
 

इस क़ानून के तहत आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी और इसके साथ ही ऐसा करने वाला ये देश का पहला राज्य बन गया है. अब आंध्र प्रदेश कार्यपालिका यानी सरकार विशाखापत्तनम से काम करेगी और राज्य विधानसभा अमरावती में होगी और हाई कोर्ट कुर्नूल में होगा.

मुख्य बिंदु

आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए अलग-अलग राजधानी बनाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री जगन मोहन ने इसके लिए अमरावती, विशाखापट्टनम और कुरनूल का चुनाव किया है.

प्रस्ताव के अनुसार, विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश की एग्जीक्यूटिव कैपिटल होगी. वहीं, कुरनूल को ज्यूडिशियल कैपिटल के तौर पर पहचान मिलेगी, जबकि अमरावती लेजिस्लेटिव कैपिटल होगी.

 

विधानसभा से दो बार पारित

यह विधेयक केवल विधानसभा से दो बार पारित हुआ है. पहली बार 20 जनवरी को और उसके बाद 16 जून को पारित किया गया, लेकिन विधान परिषद में यह लंबित है. परिषद के सभापति ने अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विस्तृत परीक्षा के लिए दोनों विधेयकों को प्रवर समितियों के पास भेज दिया है, लेकिन समितियां गठित ही नहीं की गई हैं. सरकार ने ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 197 (1) और (2) के तहत मंजूरी के लिए विधेयकों को राज्यपाल के पास भेज दिया. उन्होंने विस्तृत कानूनी परामर्श के बाद मंजूरी दे दी है.