भारत को इलेक्ट्रॉनिक विनिर्मिाण का हब बनाने हेतु योजना को मंजूरी

Make in India and Digital India Prospects Grow Stronger ...

केंद्रीय मंत्रिमड़ल ने हाल ही में संशोधित इलेक्ट्रॉानिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना को मंजूरी प्रदान की. इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक विनिर्मिाण क्लस्टर्स के जरिये साझा सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास करना है. सरकार ने इसके लिए संशोधित इलेक्ट्रॉानिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना को वित्तीय सहायता की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार ने व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन प्रोत्साहन योजना को भी स्वीकृति दी है. 

उद्देश्य
 

इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और मोबाइल फोन विनिर्माण तथा विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन देना है. यह प्रोत्साहन राशि उत्पादन से जुड़ी होगी. इस योजना के तहत सरकार द्वारा भारत में मोबाइल और संबंधित उपकरणों के विनिर्माण पर बल दिया जायेगा. केंद्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र में 20 लाख करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा जिसके परिणामस्वरुप अगले पांच वर्षों में 25 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा.

लाभ

  • यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे 2025 तक दस लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू पैदा होगा.
  • मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के साथ ही कैबिनेट ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट और सेमी कंडक्टर के निर्माण को प्रोत्साहन देन के लिए 3,285 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है.
  • यह स्कीम पूंजीगत खर्चों पर 25 फीसदी का फाइनेंशियल इन्सेंटिव देगी. इस स्कीम से 6 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा.
  • इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर के लिए कैबिनेट ने 3,762 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है. यह राशि अगले 8 साल में खर्च की जाएगी. यह स्कीम प्रोजेक्ट लागत की 50 फीसदी तक वित्तीय मदद देगी.
 
  • इसके अतिरिक्त केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन थोक औषध पार्कों में साझा विनिर्माण  सुविधाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए थोक औषध पार्क प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है.इसके तहत अगले पांच वर्षों में 3000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. थोक औषध पार्क योजना से देश में थोक में औषधियों के निर्माण की लागत कम होने और अन्य देशों पर निर्भरता घटने की संभावना जताई गई है.
  • देश में महत्वपूर्ण आरंभिक सामग्री औषधीय तत्वों और एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रीडिएंट के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी गई. इस योजना के लिए अगले आठ वर्ष में छह हजार नौ सो चालीस करोड़ रूपये का आवंटन किया जाएगा.
  • मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन में आयुष स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्रों को आयुष्‍मान भारत के दायरे में लाने की भी मंजूरी दी. इसका उद्देश्य दूसरे और तीसरे स्तर के स्वास्थ्य देखभाल केंद्रो पर बोझ कम करना है.