राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 29 जून को केके वेणुगोपाल को 1 जुलाई, 2020 से अगले एक वर्ष की अवधि के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल के तौर पर पुनः नियुक्त किया है. वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में उनके पूर्ववर्ती मुकुल रोहतगी द्वारा इस्तीफा देने के बाद नियुक्त किया गया था.
जबकि भारत के राष्ट्रपति द्वारा अटॉर्नी जनरल को पुनः नियुक्त किया गया, कानून मंत्रालय द्वारा तुषार मेहता को अगले तीन साल के लिए सॉलिसिटर जनरल (SG) के तौर पर नियुक्त किया गया और छह नए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलों (ASG) की नियुक्तियों की अधिसूचना जारी की गई. पांच मौजूदा ASGs के कार्यकाल के विस्तार के बारे में भी अधिसूचना जारी की गई है.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) द्वारा तुषार मेहता को सॉलिसिटर जनरल के तौर पर 01 जुलाई, 2020 से शुरू होने वाले, अगले तीन साल तक एक्सटेंशन दिया गया है.
पांच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलों (ASG), अमन लेखी, विक्रमाजीत बनर्जी, माधवी गोराडिया दीवान, संजय जैन और के.एम. नटराज को भी अगले तीन साल तक एक्सटेंशन मिला है.
- उच्चतम न्यायालय के समक्ष सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए, सूर्यप्रकाश वी. राजू, बलबीर सिंह, रूपिंदर सिंह सूरी, जयंत के. सूद, एन. वेंकटरमन और ऐश्वर्या भाटी जैसे छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं को ASGs के तौर पर नियुक्त किया गया है.
- समिति ने सत्य पाल सिंह को पंजाब उच्च न्यायालय और अनिल सी. सिंह को बॉम्बे उच्च न्यायालय के लिए ASG के तौर पर पुनः नियुक्त किया है.
- इसके अलावा, अगले तीन वर्षों के लिए अलग-अलग उच्च न्यायालयों के लिए पांच नए ASGs भी नियुक्त किए गए हैं जिनके नाम हैं – दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए चेतन शर्मा, कलकत्ता उच्च न्यायालय के लिए यज़ीदगार्ड जहांगीर दस्तूर, मद्रास उच्च न्यायालय के लिए शंकरनारायण, गुजरात उच्च न्यायालय के लिए देवांग गिरीश व्यास और पटना उच्च न्यायालय के लिए कृष्ण नंदन सिंह.