थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष बन गये हैं. यह इससे पहले पद वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ के पास था.
तीनों सेनाध्यक्षों को मिलकर बनी हुई सीओएससी एक कमेटी है. इसका अध्यक्ष हमेशा तीनों सेनाध्यक्षों में जो सबसे वरिष्ठ होता है उसके पास होता है.
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ 30 सितंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद वरिष्ठता की सूची में थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का स्थान है. जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होंगे.
बिपिन रावत 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख पद संभाला था. बता दें कि एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने 29 मई 2019 को नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा से सीओएससी अध्यक्ष का प्रभार लिया था.
चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी)
- चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के पास तीन सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने तथा देश के सामने मौजूद बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने हेतु सामान्य रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी होती है.
- सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख सीओएससी में शामिल हैं. तीनों सेनाओं में से सबसे वरिष्ठ सदस्य को अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.
- सीओएससी के चेयरमैन के पास तीन सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है.
- सीओएससी के पास देश के सामने मौजूद बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने हेतु सामान्य रणनीति तैयार करने का दायित्व भी होता है.
- यह एक ऐसी एजेंसी है, जिसका काम भारतीय सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं के बीच तालमेल स्थापित करना है.
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषणा की थी कि अब देश के लिए एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद होगा. इस समय रक्षा मंत्रालय विभिन्न तौर-तरीकों और प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत इस पद को सीडीएस में बदल दिया जाएगा.
यदि इस साल खत्म होने से पहले सीडीएस का गठन हो जाता है तो जनरल रावत अंतिम व्यक्ति हो सकते हैं, जिन्हें सीओएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है क्योंकि सीडीएस के गठन के बाद सीओएससी अध्यक्ष का पद खत्म कर दिया जाएगा.