केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में ब्रु -रियांग शरणार्थियों के मुद्दे के स्थायी समाधान हेतु एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ब्रू-रियांग जनजातियों के प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के बाद अब उन्हें त्रिपुरा में ही बसाया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए 600 करोड़ रुपये के पैकेज का घोषणा किया है.
पूर्वोत्तर भारत की ब्रू जनजातियों की समस्या का अब समाधान निकल आया है. 30,000 से अधिक ब्रू जनजाति जो मिजोरम से भाग गए और त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में रह रहे है, उन्हें अब वापस जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. मिजोरम के ब्रू-रियांग शरणार्थियों को अब स्थायी रूप से त्रिपुरा में बसाया जाएगा.
- साल 1997 में, लगभग 30,000 ब्रू-रींग आदिवासी मिजोरम से भाग गए और त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में शरण ली.
- जातीय तनाव के कारण ब्रू-रियांग शरणार्थी मिजोरम से भाग गए.
- ये ब्रू शरणार्थी उत्तरी त्रिपुरा में कंचनपुर में अस्थायी आश्रयों में रह रहे थे.
- भारत सरकार साल 2010 से इस समस्या के समाधान को लेकर लगातार प्रयास करती रही है कि इन ब्रू-रियांग परिवारों को स्थायी रूप से बसाया जाए.
- पीएम मोदी की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2014 तक विभिन्न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिजोरम वापस गए.
- ब्रू-रियांग विस्थापित परिवारों की देखभाल और पुनर्स्थापन हेतु भारत सरकार त्रिपुरा एवं मिजोरम सरकारों की सहायता करती रही है.
- भारत सरकार, मिजोरम, त्रिपुरा सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच 03 जुलाई 2018 को एक समझौता हुआ था जिसके बाद ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में काफी बढ़ोतरी की गई. इस नए समझौते के उपरांत 328 परिवार, जिसमें 1369 व्यक्ति थे, त्रिपुरा से मिजोरम वापस गए.
समझौते से संबंधित मुख्य बिंदु
- नए समझौते के ड्राफ्ट के मुताबिक, ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा तथा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इनके पुनर्वास में मदद करने हेतु सहायता दी जाएगी.
- गृह मंत्री अमित शाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समझौते के अनुसार ब्रू जनजातियों को त्रिपुरा में निवास करने के लिए भूमि दी जाएगी.
- इस नई समझौते के अंतर्गत विस्थापित परिवारों को 40×30 फुट का आवासीय प्लॉट दिया जाएगा.
- उनकी आर्थिक सहायता हेतु प्रत्येक परिवार को, पहले समझौते के अनुसार 4 लाख रुपये फ़िक्स्ड डिपॉज़िट में तथा दो साल तक 5 हजार रुपये प्रतिमाह नकद सहायता राशि दी जायेगी.
- इस नई समझौते के अंतर्गत विस्थापित परिवारों को दो साल तक फ्री राशन और मकान बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये दिये जाएंगे.
- त्रिपुरा राज्य सरकार आवासीय निपटान के लिए भूमि प्रदान करेगी.
लाभ
यह समझौता त्रिपुरा में हजारों ब्रू-रियांग लोगों के पुनर्वास हेतु एक स्थायी समाधान लाएगा. सरकार का मानना है कि यह समझौता उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य लेकर आएगा. इस समझौते के तहत त्रिपुरा में कुल 34,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा.