केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की सेवानिवृत्ति आयु तय की

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों में सभी रैंक के कर्मियों हेतु सेवानिवृत्ति आयु 60 साल तय कर दी है. गृह मंत्रालय का यह आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के जनवरी 2019 में दिए गए फैसले के बाद आया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सभी रैंक के लिए एक सेवानिवृत्ति आयु निर्धारित करें. फैसला से पहले अलग-अलग रैंक के लिए अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु निर्धारित थी.

यह आदेश तत्काल प्रभाव से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और असम राइफल्स में लागू होगा.

मौजूदा नीति के अनुसार

  • मौजूदा नीति के अनुसार, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और असम राइफल्स के जवान 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं.
  • हालांकि सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी में कांस्टेबल से कमांडेंट स्तर के कर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 57 वर्ष है जबकि उनसे उच्च पदस्थ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल है.

वर्तमान में पांच प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हैं. इनमें लगभग दस लाख जवान कार्यरत हैं. ये सभी जवान सीमाओं की सुरक्षा से लेकर विभिन्न आंतरिक सुरक्षा ड्यूटियों में तैनात रहते हैं. इस फैसले से उन सभी सेनानी और उनके नीचे के रैंक के कर्मियों जो इस संख्या का 60 प्रतिशत भाग हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा.

गृह मंत्रालय के आदेश

  • गृह मंत्रालय ने सभी बलों को निर्देश दिये गए हैं कि वो अदालत के आदेश का अनुपालन करें और नियमों के प्रावधान में बदलाव करें.  
  • इन बलों को देश भर में आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न प्रकार के दायित्व सौंपे जाते हैं.
  • इस विभिन्न प्रकार के दायित्व में सीमा की निगरानी, आतंकवाद और नक्सल-विरोधी अभियान एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखना शामिल है.

हाईकोर्ट ने दिया था चार माह का समय

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने जनवरी 2019 में अपने आदेश में चार अर्द्धसैनिक बलों (सीआरपीएफ , बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी) में सेवानिवृत्ति की अलग-अलग उम्र की मौजूदा नीति को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक करार दिया था.
  • कोर्ट ने सरकार को आदेश लागू करने के लिए चार महीने का समय दिया था.
  • गृह मंत्रालय ने सेवानिवृत्ति के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर यह फैसला लिया है.