सिविल सेवकों ने कोविड – 19 महामारी से लड़ने के लिए ‘करुना’ पहल का शुभारंभ किया

Civil servants launch 'Caruna' initiative to fight Coronavirus

करुना पहल का शुभारंभ: आईएएस, आईपीएस, आईआरएस सहित भारत की विभिन्न सिविल सेवाओं के अधिकारियों ने  कोविड – 19 महामारी के खिलाफ़ सरकारी प्रयासों को अपना समर्थन देने के लिए एक विशेष पहल ‘करुना’ का शुभारंभ किया है. करुना का अर्थ है ‘राष्ट्रीय आपदा के प्रति सिविल सेवा संघ समर्थन’. इस पहल का शुभारंभ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सही केंद्रीय सिविल सेवा के अधिकारी संघ द्वारा किया गया है.

करुना एक विशेष सहयोगी मंच है जिसके तहत कोरोना वायरस महामारी के प्रति लड़ने के लिए सिविल सेवक, उद्योगपति, गैर-सरकारी संगठनों के पेशेवर और आईटी पेशेवर एक साथ मिलकर काम करेंगे. इस पहल के माध्यम से कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार के 11 सशक्त समूहों के प्रयासों को सहायता देने के लिए जिला स्तर तक फैले इन अधिकारियों और विशेषज्ञों के इस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा.

करुना पहल का उद्देश्य
 

करुना पहल की घोषणा आईएएस संध के उपाध्यक्ष संजीव चोपड़ा ने हाल ही में की थी. इस पहल के माध्यम से, सिविल सेवक स्थानांतरण, आवश्यक आपूर्ति और चिकित्सा उपकरण जैसे मास्क, वेंटिलेटर, पीपीई इत्यादि की जानकारी और डाटाबेस एकत्रित करने के लिए अपने नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं. कोरोना वायरस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए यह पहल सरकार के प्रयासों की जिला स्तर की प्रगति को नापने के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित होगी क्योंकि देश का प्रत्येक जिला सिविल सेवकों की देखरेख के तहत संचालित होता है. इसके अलावा, क्योंकि ये सभी वरिष्ठ अधिकारी अपने क्षेत्र के लोगों और सामाजिक समूह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, वे जिला स्तर पर महसूस की जा रही जरूरतों और कमी की सटीक जानकारी दे सकेंगे.

 

करुना की पहले 10 दिन की कार्ययोजना तैयार 

वर्तमान में, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार की पहल को समर्थन देने के लिए इस मंच ने पहले 10 दिनों की कार्य योजना तैयार कर ली है. इस योजना का ध्यान देश के स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की सहायता करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय-सहकारी समितियों की मदद करने के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण मुहैया करवाने के लिए केंद्रित किया गया है.

इसके अलावा, इस मंच का उपयोग स्वास्थ्य उपकरणों और निर्माताओं के डाटाबेस को एकत्रित करने के लिए भी किया जाएगा और यह मंच दूरस्थ क्षेत्रों में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति के वितरण की सुविधा भी प्रदान करेगा. एक अन्य विषय जिस पर इन अधिकारियों और विशेषज्ञों का समूह काम करेगा, वह है मजदूरों का स्थानांतरण और उनके लिए अस्थायी आश्रय की स्थापना करने के साथ ही अपने-अपने संबंधित जिलों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना.