डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग लोकतंत्र समर्थक बिल पर किए हस्ताक्षर

Despite opposition by China, Trump signs bill backing Hong Kong ...

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 नवंबर 2019 को हांगकांग में लोकतंत्र की मांग के लिए चल रहे प्रदर्शनों का समर्थन करने संबंधी एक विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ट्रम्प के हस्ताक्षर के बाद अब यह बिल कानून बन गया है. यह कानून मानव अधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंधों का प्रकाश डालता है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बिल के अतिरिक्त एक और बिल पर भी हस्ताक्षर किए हैं. यह बिल हांगकांग पुलिस को मिलने वाले असला-बारूद को प्रतिबंधित करने से जुड़ा है. इस बिल के मुताबिक, भीड़ को नियंत्रित किए जाने हेतु प्रयोग में लिए जाने वाले आंसू गैस, रबर बुलेट या स्टन गन इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

विधेयक के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति को प्रत्येक साल हांगकांग को दी जाने वाली पसंदीदा व्यापारिक स्थिति पर विचार करना होगा. राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैंने इस विधेयक पर राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग और हांगकांग के लोगों के सम्‍मान हेतु हस्‍ताक्षर किया है.
 

इस कानून का असर क्‍या होगा?

यह विधेयक ट्रंप प्रशासन को इस बात का आकलन करने की शक्तियां प्रदान करता है कि क्या हांगकांग में राजनीतिक अशांति के वजह से उसे अमेरिकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे में बदलाव लाना उचित है. इस शक्तियां के आधार पर अमेरिका संबंधित देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है.

हांगकांग संघर्ष क्या है?

  • हांगकांग में कुछ दिनों पहले विरोध प्रदर्शन अपने चरम पर था. सड़कों पर हो-हल्ला मचा हुआ था.
  • हवाईअड्डे पर सारी उड़ानें रद्द कर दी गई थी. यहां तक कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ दिन पहले हवाईअड्डे पर भी कब्जा कर लिया था. पिछले कई दिनों से यहां की सड़कों पर लाखों लोग प्रदर्शन कर रहे थे.
  • दरअसल, हांगकांग प्रशासन एक विधेयक लेकर आया था, जिसके अनुसार, यदि हांगकांग का कोई व्यक्ति चीन में कोई अपराध करता है या प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ हांगकांग में नहीं बल्कि चीन में मुकदमा चलाया जाएगा.
  • इस मौजूदा कानून में संशोधन के लिए हांगकांग की सरकार ने फरवरी में एक प्रस्ताव लाया था.
  • इस विधेयक के खिलाफ जोशुआ वांग (23) के नेतृत्व में हांगकांग के युवाओं ने सड़कों पर उतर कर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. हांगकांग की सड़कों पर लाखों युवा एकत्रित हो गए. आखिरकार, हांगकांग सरकार ने सितंबर 2019 में चीनी प्रत्यर्पण बिल को वापस ले लिया.