केंद्र सरकार द्वारा 29 जुलाई 2019 को सातवीं आर्थिक जनगणना त्रिपुरा राज्य से आरंभ की गई है. इसके बाद यह कार्य पुद्दुचेरी में किया जाएगा. इसे अगस्त एवं सितम्बर में अन्य राज्यों में भी आरंभ किया जायेगा.
इस जनगणना के लिए आंकड़े जुटाने, उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने और इनके प्रसार के लिए विकसित मोबाइल एप्लीकेशन पर आंकड़े एकत्र करने हेतु सीएससी द्वारा इस कार्य में लगाए जाने वाले गणनाकारों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है.
कानून 2008 के प्रावधानों के तहत
आंकड़े एकत्र करने संबंधी कानून 2008 के प्रावधानों के तहत हरेक परिवार के घर-घर जाकर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से आंकड़े एकत्र किए जाएंगे. एकत्रित किए गए आंकड़ों को गोपनीय रखा जाएगा. आंकड़ो का इस्तेमाल केवल अन्य राज्यों की सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा केवल विकास संबंधी योजनाओं के लिए किया जाएगा.
गणना करने वाले के द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों की संबद्ध परिवार और प्रतिष्ठान का दौरा करने वाले पर्यवेक्षकों द्वारा सत्यापन किया जाएगा. जनगणना दिसम्बर 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है जबकि साल 2020 में इसके आंकड़े जारी किये जाने की सम्भावना है. क्षेत्र में काम करने वालों और नागरिकों के सवालों के जवाब हेतु क्षेत्रीय भाषा तथा टोल फ्री नम्बर (1800-3000-3468) के साथ एक हेल्प डेस्क बनाया गया है.
आर्थिक जनगणना के बारे में:
आर्थिक जनगणना भारत की भौगोलिक सीमाओं के भीतर स्थित सभी प्रतिष्ठानों का संपूर्ण विवरण है. आर्थिक जनगणना देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालनगत एवं संरचनागत परिवर्ती कारकों पर विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध कराती है.
भारत में पुरानी आर्थिक जनगणना | |
आर्थिक जनगणना | साल |
पहली आर्थिक जनगणना | 1977 |
दूसरी आर्थिक जनगणना | 1980 |
तीसरी आर्थिक जनगणना | 1990 |
चौथी आर्थिक जनगणना | 1998 |
पांचवीं आर्थिक जनगणना | 2005 |
छठी आर्थिक जनगणना | 2013 |
आर्थिक गणना में मंत्रालय ने 7वीं आर्थिक गणना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक विशेष उद्देश्य माध्यम, सीएससी ई-शासन सेवा इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की है.
आर्थिक गणना में आंकड़े जुटाने, उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने तथा इनके प्रसार के लिए आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा.