फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने 16 अक्टूबर 2019 को पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक अपनी ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है. एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम रहने को लेकर फरवरी 2020 तक पाकिस्तान को ग्रे सूची में ही रखने का फैसला किया है.
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को खत्म करने हेतु अतिरिक्त सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है. एफएटीएफ अब फरवरी 2020 में पाकिस्तान की स्थिति पर अंतिम निर्णय लेगा. रिपोर्ट के अनुसार एफएटीएफ ने टास्क फोर्स की सिफारिशों को लागू करने हेतु पाकिस्तान को चार महीने की राहत देने का फैसला किया है. पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में रखा गया था.
ग्रे सूची में उन देशों को डाला जाता है, जो काले धन को वैध बनाना तथा टेरर फंडिंग हेतु जाने जाते है. ग्रे सूची में डाले गए देशों के ब्लैक लिस्ट होने का खतरा बना रहता है. अंतरराष्ट्रीय संस्थानों (विश्व बैंक, आईएमएफ, एशियाई विकास बैंक आदि) और देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. ग्रे सूची में डालने के बाद उस देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और देशों से ऋण प्राप्त करने में बड़ी दिक्कत आती है. सूची में डालने के बाद देश को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी आती है तथा अर्थव्यवस्था कमजोर होती है.
पाकिस्तान आतंकवाद को आर्थिक मदद देने के वजह से साल 2012 से साल 2015 तक एफएटीएफ के ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल रह चुका है. पेरिस में हुई अंतर-सरकारी निकाय एफएटीएफ की बैठक में शामिल 37 देशों में से कुल 36 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. एफएटीएफ के ग्रे सूची में 29 जून 2018 को पाकिस्तान को दूसरी बार सूचीबद्ध किया गया था.
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के बारे में
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर-सरकारी निकाय है. यह फोर्स साल 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग को रोकने समेत अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने हेतु स्थापित किया गया है. एफएटीएफ का साल 2001 में इसका कार्यक्षेत्र विस्तारित किया गया था. इस विस्तार में आतंकवाद को धन मुहैया कराने के विरुद्ध नीतियाँ बनाना भी इसके कार्यक्षेत्र में शामिल कर लिया गया था.
एफएटीएफ का सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन के मुख्यालय में है. एफएटीएफ वित्त विषय पर कानूनी, विनियामक तथा परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा भी देता है. इससे पहले कहा जा रहा था कि एफएटीएफ पाकिस्तान का नाम ‘डार्क ग्रे’ सूची में डाल सकता है.