वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में त्रिुपरा में अबत तक का पहला विषेश आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) बनाये जाने की अधिसूचना जारी की है. केंद्र सरकार द्वारा यह अधिसूचना 16 दिसंबर 2019 को जारी की गई. यह एसईजेड दक्षिण त्रिपुरा जिले के पश्चिम जालेफा, साबरुम में स्थापित किया जायेगा.
अगरतला से लगभग 130 किलोमीटर दूर सरबरूम है. यह एसईजेड विशेष रूप से कृषि उत्पादों से जुड़े प्रसंस्करण उद्योग के लिए होगा. यह परियोजना सैकड़ों मूलनिवासियों को रोजगार पाने में मदद करेगी तथा कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नई तकनीकों को सीखने का भी अवसर प्रदान करेगी.
परियोजना से संबंधित मुख्य तथ्य
- त्रिपुरा औद्योगिक विकास निगम की तरफ से यह एसईजेड विकसित किया जायेगा.
- सरकार की अधिसूचना के अनुसार, पूरे निवेश परियोजना पर लगभग 1550 करोड़ खर्च होंगे.
- सरकार के अनुमान के अनुसार, इसमें विशेष कौशल आधारित लगभग 12 हजार नौकरियों के अवसर पैदा होंगे.
- इस एसईजेड में रबड़, कपड़ा, वस्त्र उद्योग, बांस तथा कृषि उत्पादों से जुड़ी प्रसंस्करण इकाइयां लगाई जाएंगी.
फायदा
सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में निवेश के लिए निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए ‘सबरूम एसईजेड’ नए रास्ते खोलेगा. चटंगाव बंदरगाह के नजदीक होने तथा दक्षिणी त्रिपुरा में फेनी नदी के उपर निर्माणाधीन पुल की वजह से सबरूम में बन रहे.
इस एसईजेड को बंगलादेश के चटगांव बंदरगाह से जोड़ने हेतु फेनी नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा है. इस एसईजेड से निजी निवेश आकर्षित करने में सहायता मिलेगी. एसईजेड में स्थापित उद्योगों को निर्यात शुल्क में पहले पांच साल के लिए 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी. इससे अगले पांच साल में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी.
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) ऐसे निर्यात केंद्र हैं, जिनका देश के कुल निर्यात में करीब 23 प्रतिशत का योगदान है. विशेष आर्थिक क्षेत्र विशेष रूप से पारिभाषित उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहाँ से व्यापार, आर्थिक क्रियाकलाप, उत्पादन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है. भारत सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र की शुरुआत साल 2005 में की थी.