फ्लिपकार्ट ने 23 जुलाई, 2020 को यह घोषणा की है कि, उसने भारत में मूल कंपनी वॉलमार्ट इंक के सर्वोत्तम मूल्य थोक कैश-एंड-कैरी व्यापार का अधिग्रहण कर लिया है.
इस कदम से फ्लिपकार्ट अगले महीने फ्लिपकार्ट होलसेल नामक एक डिजिटल मार्केटप्लेस लॉन्च कर सकेगी. इससे अमेज़न के साथ बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के लिए इस ई-कॉमर्स फर्म की होलसेल ऑफररिंग्स को भी मजबूती मिलेगी.
वॉलमार्ट 2009 से भारत में बेस्ट प्राइस होलसेल कैश-एंड-कैरी स्टोर्स चला रहा है. इस अमेरिकी रिटेल दिग्गज ने वर्ष 2018 में फ्लिपकार्ट में 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर की एक नियंत्रित हिस्सेदारी खरीदी थी.
- जनवरी, 2020 से मूल कंपनी वॉलमार्ट के साथ फ्लिपकार्ट की इस सौदे को लेकर बातचीत चल रही थी. यह ऐसे समय में आया है जब अमेज़न सहित कई ई-कॉमर्स कंपनियां भारत के मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स या किराना स्टोर्स को लुभाना चाह रही हैं, जिन्हें अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है.
- फ्लिपकार्ट को RIL के जियो मार्ट से भी तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिसे दिसंबर 2019 में लॉन्च किया गया था. जियो मार्ट एक ओमनी-चैनल तकनीक-प्लेटफॉर्म है, जो किराना स्टोर और स्थानीय व्यापारियों और उत्पादकों के साथ मिलकर ग्राहकों को एकजुट करने का काम करता है.
- RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि, वे धीरे-धीरे पूरे भारत के लोगों को सेवा देने की योजना बना रहे हैं और भारत में 20 करोड़ से अधिक घरों के साथ 3 करोड़ से अधिक ऑफ़लाइन खुदरा विक्रेताओं को जोड़ने में मदद कर रहे हैं.
- भारत में वॉलमार्ट के कुल 28 थोक स्टोर्स, दो पूर्ति केंद्र और 1.5 मिलियन से अधिक सदस्य हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स (किराना स्टोर) शामिल हैं. हालांकि, वॉलमार्ट इस व्यवसाय से पैसा नहीं कमा सका है.
- इस सौदे के तहत, वॉलमार्ट इंडिया के कर्मचारी फ्लिपकार्ट समूह में शामिल होंगे और कोई छंटनी नहीं की जाएगी.
भारत के नए ई-कॉमर्स नियम विदेशी निवेशकों को अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपनी इन्वेंट्री को नियंत्रित करने और विपणन करने की अनुमति नहीं देते हैं. इससे जियो मार्ट जैसे स्थानीय कारोबारियों को ई-कॉमर्स के लिए एक प्रमुख विकास बाजार के तौर पर उभरने में प्रासंगिक बढ़त मिली है.