हिमा दास ने जीता पांचवां स्वर्ण पदक

भारत की युवा एथलीट हिमा दास ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा है. हिमा दास ने 20 जुलाई 2019 को एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. हिमा दास ने चेकगणराज्य में नोवे मेस्टो नाड मेटुजी ग्रां प्री में महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया. हिमा दास ने इसके साथ ही एक महीने के भीतर पांचवां स्वर्ण पदक जीत लिया है.

हिमा दास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फोटो साझा करते हुए इस बात की जानकारी दी. हिमा दास ने फोटो के साथ लिखा की चेक गणराज्य में 400 मीटर स्पर्धा में पहले स्थान पर रहते हुए रेस खत्म की. उन्होंने 52.09 सेकेंड का समय लिया.

दूसरे तथा तीसरे स्थान पर:

दूसरे स्थान पर इस बार भी भारत की वीके विस्मया रहीं जो हिमा दास से 53 सेकेंड पीछे रहते हुए दूसरे स्थान पर जगह बनाने में कामयाब रहीं. उन्होंने 52.48 सेकंड का समय लेते हुये रजत पदक जीता. वहीं, तीसरे स्थान पर सरिता बेन गायकवाड़ रहीं जिन्होंने 53.28 सेकेंड का समय लिया.

इस महीने हिमा दास का कुल पांचवां स्वर्ण पदक

इस महीने हिमा दास का ये कुल पांचवां स्वर्ण पदक है. उन्होंने इससे पहले 200 मीटर में 02 जुलाई 2019 को पोलैंड में स्वर्ण पदक, सात जुलाई को पोलैंड में ही कुंटो एथलेटिक्स मीट में स्वर्ण पदक, 13 जुलाई को क्लाइनो (चेक गणराज्य) में स्वर्ण पदक और 17 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में ही टाबोर ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.

हिमा दास की जीवनी: एक नजर में

हिमा दास का जन्म 09 जनवरी 2000 को नगाँव, असम में हुआ था. उनके पिताजी पेशे से धान की खेती (paddy agriculture) करते हैं. असम राज्य के किसान परिवार से आने वाली हिमा दास ने साल 2017 में अपने कोच से दौड़ने की ट्रेनिंग लेना शुरू किया था और बहुत ही कम समय में उन्होंने रेस में महारत हासिल कर ली.

विश्व बाल दिवस 2018 उत्सव के अवसर पर हिमा दास भारत की पहली युवा एंबेसडर बनीं थी. मुख्य बात यह है कि हिमा दास पहली युवा भारतीय लड़की हैं जिन्हें यूनिसेफ ने अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाया था.

ढिंग एक्सप्रेस के नाम से प्रसिद्ध हिमा दास ने अप्रैल 2019 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ से पीठ दर्द के कारण से बाहर हो गई थीं. हिमा दास का इस सीजन का यह व्यक्तिगत स्तर पर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन था.