General Hindi-11

सामान्य हिन्दी-11 /General Hindi-11
सामान्य हिन्दी-11 /General Hindi-11

सामान्य हिन्दी-11 /General Hindi-11

0%

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों में ही विकल्प का चयन करें |

“ कल्पना” और ‘ व्यक्तित्व’ की, पाश्चात्य समीक्षा-क्षेत्र में, इतनी अधिक मुनादी हुई की काव्य की ओर सब पक्षों से दृष्टि हटकर इन्ही दो पर जा जमी |
‘कल्पना’ काव्य का बोध पक्ष है |
कल्पना में आई रूप-व्यापार-योजना का कवि या श्रोता को अंत: साक्षात्कार का बोध होता है |
इस पर बोध पक्ष के अतिरिक्त काव्य का भाव पक्ष भी है |
कल्पना को रूप योजना के लिए प्रेरित करने वाले और कल्पना में आयी हुई वस्तुओं में श्रोता या पाठक को रमाने वाली रति, करुणा, क्रोध, उत्साह, आश्चर्य इत्यादि भाव या मनोविकार होते हैं |
इसी से भारतीय दृष्टि ने भाव पक्ष को महाप्रधानता दी और रस के सिद्धांत की प्रतिष्ठा की |
पर पश्चिम में ‘ कल्पना’- ‘ कल्पना’ की पुकार के सामने धीरे- धीरे समीक्षकों का ध्यान भाव पक्ष से हट गया और बोध पक्ष पर ही भिड़ गया |
काव्य की रमणीयता उस हल्के आनंद के रूप में मानी जाने लगी जिस आनंद के लिए हम नई-नई सुंदर भड़कीली और विलक्षण वस्तुओं को देखने जाते हैं |
इस प्रकार कवि तमाशा दिखाने वाले के रूप में और श्रोता या पाठक तटस्थ तमाशबीन के रूप में समझे जाने लगे |
केवल देखने का आनंद कुछ विलक्षण को देखने का कुतूहल मात्र होता है |

केवल देखने का आनंद क्या है?

Correct! Wrong!

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों में ही विकल्प का चयन करें |

“ कल्पना” और ‘ व्यक्तित्व’ की, पाश्चात्य समीक्षा-क्षेत्र में, इतनी अधिक मुनादी हुई की काव्य की ओर सब पक्षों से दृष्टि हटकर इन्ही दो पर जा जमी |
‘कल्पना’ काव्य का बोध पक्ष है |
कल्पना में आई रूप-व्यापार-योजना का कवि या श्रोता को अंत: साक्षात्कार का बोध होता है |
इस पर बोध पक्ष के अतिरिक्त काव्य का भाव पक्ष भी है |
कल्पना को रूप योजना के लिए प्रेरित करने वाले और कल्पना में आयी हुई वस्तुओं में श्रोता या पाठक को रमाने वाली रति, करुणा, क्रोध, उत्साह, आश्चर्य इत्यादि भाव या मनोविकार होते हैं |
इसी से भारतीय दृष्टि ने भाव पक्ष को महाप्रधानता दी और रस के सिद्धांत की प्रतिष्ठा की |
पर पश्चिम में ‘ कल्पना’- ‘ कल्पना’ की पुकार के सामने धीरे- धीरे समीक्षकों का ध्यान भाव पक्ष से हट गया और बोध पक्ष पर ही भिड़ गया |
काव्य की रमणीयता उस हल्के आनंद के रूप में मानी जाने लगी जिस आनंद के लिए हम नई-नई सुंदर भड़कीली और विलक्षण वस्तुओं को देखने जाते हैं |
इस प्रकार कवि तमाशा दिखाने वाले के रूप में और श्रोता या पाठक तटस्थ तमाशबीन के रूप में समझे जाने लगे |
केवल देखने का आनंद कुछ विलक्षण को देखने का कुतूहल मात्र होता है |

काव्य में पाश्चात्य समीक्षा क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चा किस तत्व को लेकर हुई है?

Correct! Wrong!

जिस समास में सभी पदों के बीच ‘ और’ शब्द का लोप रहता है, वह समास है-

Correct! Wrong!

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें |

अंबर बने सुखों की चादर, धरती बने बिछौना।
मिट्टी से सोना उपजाओ,इस मिट्टी से सोना ||
यह मिट्टी जगती की जननी,इसको करो प्रणाम |
कर्मयोग के साधन बनाना, ही सेवा का काम ||
हाली उठा हाथ से हल को, बीज प्रेम के बोना ||
चना, मटर, जौ, धान, बाजरा,और गेहूं की बाली |
मिट्टी से सोना बन जाती,भर-भर देती थाली ||
दूध-दही पी- पी मुस्काए, मेरा श्याम सलौना।।
हीरा, मोती, लाल, बहादुर, कह-कह तुम्हें पुकारे |
खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा सुधारे ||

“खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा…………..”- पंक्ति की पूर्ति सही-सही शब्द से कीजिए |

Correct! Wrong!

वाक्य के अशुद्ध भाग का चयन कीजिए-

Correct! Wrong!

‘संशोधन’ के लिए उपयुक्त शब्द है-

Correct! Wrong!

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें |

अंबर बने सुखों की चादर, धरती बने बिछौना।
मिट्टी से सोना उपजाओ,इस मिट्टी से सोना ||
यह मिट्टी जगती की जननी,इसको करो प्रणाम |
कर्मयोग के साधन बनाना, ही सेवा का काम ||
हाली उठा हाथ से हल को, बीज प्रेम के बोना ||
चना, मटर, जौ, धान, बाजरा,और गेहूं की बाली |
मिट्टी से सोना बन जाती,भर-भर देती थाली ||
दूध-दही पी- पी मुस्काए, मेरा श्याम सलौना।।
हीरा, मोती, लाल, बहादुर, कह-कह तुम्हें पुकारे |
खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा सुधारे ||

श्याम सलौना क्या-क्या पीकर मुस्कुराता है ?

Correct! Wrong!

‘संयोग से बना काम’ अर्थ के लिए सही लोकोक्ति का क्या है ?

Correct! Wrong!

’आज्ञा दीजिए’ वाक्य में कौन-सा वाच्य है?

Correct! Wrong!

निम्न वाक्यों में से सरल वाक्य का चयन कीजिए-

Correct! Wrong!

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों में ही विकल्प का चयन करें |

“ कल्पना” और ‘ व्यक्तित्व’ की, पाश्चात्य समीक्षा-क्षेत्र में, इतनी अधिक मुनादी हुई की काव्य की ओर सब पक्षों से दृष्टि हटकर इन्ही दो पर जा जमी |
‘कल्पना’ काव्य का बोध पक्ष है |
कल्पना में आई रूप-व्यापार-योजना का कवि या श्रोता को अंत: साक्षात्कार का बोध होता है |
इस पर बोध पक्ष के अतिरिक्त काव्य का भाव पक्ष भी है |
कल्पना को रूप योजना के लिए प्रेरित करने वाले और कल्पना में आयी हुई वस्तुओं में श्रोता या पाठक को रमाने वाली रति, करुणा, क्रोध, उत्साह, आश्चर्य इत्यादि भाव या मनोविकार होते हैं |
इसी से भारतीय दृष्टि ने भाव पक्ष को महाप्रधानता दी और रस के सिद्धांत की प्रतिष्ठा की |
पर पश्चिम में ‘ कल्पना’- ‘ कल्पना’ की पुकार के सामने धीरे- धीरे समीक्षकों का ध्यान भाव पक्ष से हट गया और बोध पक्ष पर ही भिड़ गया |
काव्य की रमणीयता उस हल्के आनंद के रूप में मानी जाने लगी जिस आनंद के लिए हम नई-नई सुंदर भड़कीली और विलक्षण वस्तुओं को देखने जाते हैं |
इस प्रकार कवि तमाशा दिखाने वाले के रूप में और श्रोता या पाठक तटस्थ तमाशबीन के रूप में समझे जाने लगे |
केवल देखने का आनंद कुछ विलक्षण को देखने का कुतूहल मात्र होता है |

‘कल्पना’ काव्य का कौन-सा पक्ष है?

Correct! Wrong!

‘जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि’ लोकोक्ति का क्या अर्थ है?

Correct! Wrong!

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों में ही विकल्प का चयन करें |

“ कल्पना” और ‘ व्यक्तित्व’ की, पाश्चात्य समीक्षा-क्षेत्र में, इतनी अधिक मुनादी हुई की काव्य की ओर सब पक्षों से दृष्टि हटकर इन्ही दो पर जा जमी |
‘कल्पना’ काव्य का बोध पक्ष है |
कल्पना में आई रूप-व्यापार-योजना का कवि या श्रोता को अंत: साक्षात्कार का बोध होता है |
इस पर बोध पक्ष के अतिरिक्त काव्य का भाव पक्ष भी है |
कल्पना को रूप योजना के लिए प्रेरित करने वाले और कल्पना में आयी हुई वस्तुओं में श्रोता या पाठक को रमाने वाली रति, करुणा, क्रोध, उत्साह, आश्चर्य इत्यादि भाव या मनोविकार होते हैं |
इसी से भारतीय दृष्टि ने भाव पक्ष को महाप्रधानता दी और रस के सिद्धांत की प्रतिष्ठा की |
पर पश्चिम में ‘ कल्पना’- ‘ कल्पना’ की पुकार के सामने धीरे- धीरे समीक्षकों का ध्यान भाव पक्ष से हट गया और बोध पक्ष पर ही भिड़ गया |
काव्य की रमणीयता उस हल्के आनंद के रूप में मानी जाने लगी जिस आनंद के लिए हम नई-नई सुंदर भड़कीली और विलक्षण वस्तुओं को देखने जाते हैं |
इस प्रकार कवि तमाशा दिखाने वाले के रूप में और श्रोता या पाठक तटस्थ तमाशबीन के रूप में समझे जाने लगे |
केवल देखने का आनंद कुछ विलक्षण को देखने का कुतूहल मात्र होता है |

कवि या श्रोता को अंतः साक्षात्कार बोध किसका होता है |

Correct! Wrong!

‘अपनी गरज बावली’ लोकोक्ति का सामान्य अर्थ है?

Correct! Wrong!

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें |

अंबर बने सुखों की चादर, धरती बने बिछौना।
मिट्टी से सोना उपजाओ,इस मिट्टी से सोना ||
यह मिट्टी जगती की जननी,इसको करो प्रणाम |
कर्मयोग के साधन बनाना, ही सेवा का काम ||
हाली उठा हाथ से हल को, बीज प्रेम के बोना ||
चना, मटर, जौ, धान, बाजरा,और गेहूं की बाली |
मिट्टी से सोना बन जाती,भर-भर देती थाली ||
दूध-दही पी- पी मुस्काए, मेरा श्याम सलौना।।
हीरा, मोती, लाल, बहादुर, कह-कह तुम्हें पुकारे |
खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा सुधारे ||

.............................के साधक बनाना- पंक्ति की पूर्ति सही-सही शब्द से कीजिए-

Correct! Wrong!

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें |

अंबर बने सुखों की चादर, धरती बने बिछौना।
मिट्टी से सोना उपजाओ,इस मिट्टी से सोना ||
यह मिट्टी जगती की जननी,इसको करो प्रणाम |
कर्मयोग के साधन बनाना, ही सेवा का काम ||
हाली उठा हाथ से हल को, बीज प्रेम के बोना ||
चना, मटर, जौ, धान, बाजरा,और गेहूं की बाली |
मिट्टी से सोना बन जाती,भर-भर देती थाली ||
दूध-दही पी- पी मुस्काए, मेरा श्याम सलौना।।
हीरा, मोती, लाल, बहादुर, कह-कह तुम्हें पुकारे |
खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा सुधारे ||

यह मिट्टी किस की जननी है?

Correct! Wrong!

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए बहुविकल्पी प्रश्नों में ही विकल्प का चयन करें |

“ कल्पना” और ‘ व्यक्तित्व’ की, पाश्चात्य समीक्षा-क्षेत्र में, इतनी अधिक मुनादी हुई की काव्य की ओर सब पक्षों से दृष्टि हटकर इन्ही दो पर जा जमी |
‘कल्पना’ काव्य का बोध पक्ष है |
कल्पना में आई रूप-व्यापार-योजना का कवि या श्रोता को अंत: साक्षात्कार का बोध होता है |
इस पर बोध पक्ष के अतिरिक्त काव्य का भाव पक्ष भी है |
कल्पना को रूप योजना के लिए प्रेरित करने वाले और कल्पना में आयी हुई वस्तुओं में श्रोता या पाठक को रमाने वाली रति, करुणा, क्रोध, उत्साह, आश्चर्य इत्यादि भाव या मनोविकार होते हैं |
इसी से भारतीय दृष्टि ने भाव पक्ष को महाप्रधानता दी और रस के सिद्धांत की प्रतिष्ठा की |
पर पश्चिम में ‘ कल्पना’- ‘ कल्पना’ की पुकार के सामने धीरे- धीरे समीक्षकों का ध्यान भाव पक्ष से हट गया और बोध पक्ष पर ही भिड़ गया |
काव्य की रमणीयता उस हल्के आनंद के रूप में मानी जाने लगी जिस आनंद के लिए हम नई-नई सुंदर भड़कीली और विलक्षण वस्तुओं को देखने जाते हैं |
इस प्रकार कवि तमाशा दिखाने वाले के रूप में और श्रोता या पाठक तटस्थ तमाशबीन के रूप में समझे जाने लगे |
केवल देखने का आनंद कुछ विलक्षण को देखने का कुतूहल मात्र होता है |

भारतीय दृष्टि में काव्य ने किस सिद्धांत की प्रतिष्ठा की?

Correct! Wrong!

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिये गये बहुविकल्पीय प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें |

अंबर बने सुखों की चादर, धरती बने बिछौना।
मिट्टी से सोना उपजाओ,इस मिट्टी से सोना ||
यह मिट्टी जगती की जननी,इसको करो प्रणाम |
कर्मयोग के साधन बनाना, ही सेवा का काम ||
हाली उठा हाथ से हल को, बीज प्रेम के बोना ||
चना, मटर, जौ, धान, बाजरा,और गेहूं की बाली |
मिट्टी से सोना बन जाती,भर-भर देती थाली ||
दूध-दही पी- पी मुस्काए, मेरा श्याम सलौना।।
हीरा, मोती, लाल, बहादुर, कह-कह तुम्हें पुकारे |
खुशहाली हर घर में लाएँ,बिगड़ी दशा सुधारे ||

अंबर किसकी चादर बने?

Correct! Wrong!

‘ मालगाड़ी’ शब्द का समास विग्रह है-

Correct! Wrong!

‘अध्यवसायी ’ का अंग्रेजी पर्याय है-

Correct! Wrong!

सामान्य हिन्दी-11

Share your Results: