भारत में पहली रोग निदान प्रयोगशाला अब तैयार है. यह मोबाइल प्रयोगशाला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान का एक हिस्सा है. यह प्रयोगशाला कठिन समय में आत्म-कुशल होने के विचार को बढ़ावा और समर्थन देती है.
इस प्रयोगशाला को भारत बेंज से मोटर वाहन चेसिस की प्राप्ति की तारीख से केवल 8 दिनों के रिकॉर्ड समय में निर्मित किये जाने की सूचना दी गई है. बायो-टेक्नोलॉजी विभाग के सहयोग से इस लैब/ प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है.
प्रयोगशाला के बारे में
- यह पहली संक्रामक रोग निदान प्रयोगशाला एक बीएसएल -2 सुविधा से युक्त है जिसमें बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर, रीयल-टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर), और ऑन-साइट एलिसा परीक्षण की सुविधा है.
- एलिसा एक ऐसी तकनीक है जिसे प्रोटीन, एंटीबॉडी, पेप्टाइड्स और हार्मोन जैसे घुलनशील पदार्थों की मात्रा निर्धारित करने और उनका पता लगाने के लिए बनाया गया है.
- यह नव निर्मित रोग निदान प्रयोगशाला आसानी से प्रति दिन लगभग 50 आरटीपीसीआर और लगभग 200 एलिसा का परीक्षण प्रति दिन कर सकती है.
- इस प्रयोगशाला को केवल 8 दिन के रिकॉर्ड समय में बनाया गया है.