भारत-कजाखिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद-2019

भारत और कजाखिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद-2019 हाल ही में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित किया जायेगा. यह युद्धाभ्यास 02 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2019 तक चलेगा. यह युद्धाभ्यास पहले 26 अगस्त से प्रस्तावित था.

इस युद्धाभ्यास में भारत और कजाखिस्तान सेना के करीब 100 सैन्यकर्मी भाग लेंगे. इस युद्धाभ्यास में दोनों देश की सेनाओं आतंक एवं अलगाव निरोधी गतिविधियों के अनुभव साझा करेंगे. मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ अपने राजनयिक संबंधो को बहुत ही गहरी मजबूती देने में कजाखिस्तान का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है.

युद्धाभ्यास से संबंधित मुख्य बातें
  • काजिंद-2019 एक वार्षिक अभ्यास है. यह युद्धाभ्यास लगातार चौथी बार आयोजित किया जा रहा है.
  • यह अभ्यास प्रत्येक साल क्रमशः कजाखिस्तान तथा भारत में आयोजित किया जाता है.
  • इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंक निरोधी संयुक्त अभ्यास का संचालन करना है.
  • युद्धाभ्यास के लिए वैश्विक आतंकवाद की उभरती प्रवृत्तियों को भी शामिल किया गया है.
  • इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद की कार्रवाई में एक दूसरे की परिचालन प्रक्रियाओं के साथ दोनों दलों को परिचित करना है.
  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर रक्षा सहयोग को बहुत ही मजबूती मिलेगी.
  • इस संयुक्त सैन्याभ्यास की शुरुआत भारत-कजाखिस्तान के बीच साल 2016 में हुई थी.
  • यह संयुक्त सैन्याभ्यास पहले हिमाचल प्रदेश में किया गया था.
  • कजाखिस्तान भी इस्लामी चरमपंथियों के आतंक से बहुत परेशान है. इसलिये आतंकी गतिविधियों से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोग की काफी महत्वपूर्ण है.

भारत-कजाखिस्तान का संबंध

  • भारत तथा कजाखिस्तान के बीच संबंध पुराने एवं ऐतिहासिक हैं जो 2500 साल पहले से चले आ रहे हैं.
  • भारत और कजाखिस्तान का रक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में सहयोग का लंबा इतिहास रहा है.
  • भारत उन पहले देशों में शामिल है जिसने कजाखिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी.
  • भारत और कजाखिस्तान के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने थे.
  • भारत का सबसे बड़ा आर्थिक साझीदार मध्य एशिया में कजाखिस्तान है.
  • कजाखिस्तान से हाल ही में भारत ने असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर यह दूसरा बड़ा समझौता किया है.
  • एक समझौते के तहत कजाखिस्तान पहले से ही भारत को यूरेनियम की आपूर्ति कर रहा है.