विश्व में सूक्ष्म प्रदूषण के उच्चतम स्तर का सामना कर रहे 200 शहरों में से लगभग 90 प्रतिशत शहर चीन और भारत के हैं. बाकी शहर पाकिस्तान तथा इंडोनेशिया में हैं. शीर्ष-10 सबसे प्रदूषित देशों में सभी देश एशियाई हैं. इसमें भारत का स्थान 5वां है.
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट-2019 का यह डेटा आइक्यू एयर विजुअल के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है. यह रिपोर्ट प्रत्येक साल तैयार होती है. नई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि विश्व के तीस सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में 21 भारत के हैं. साल 2018 की रिपोर्ट में टॉप-30 प्रदूषित शहरों में भारत के 22 शहर शामिल थे.
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार आबादी के हिसाब से बांग्लादेश पीएम 2.5 प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है. उसके बाद पाकिस्तान, मंगोलिया, अफगानिस्तान और भारत का स्थान आता है. इस रिपोर्ट में चीन 11वें स्थान पर है.
सबसे प्रदूषित देश:
- रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश विश्व का सबसे प्रदूषित देश है.
- उसके बाद पाकिस्तान दूसरे स्थान पर आता है.
- तीसरे स्थान पर मंगोलिया, चौथे स्थान पर अफगानिस्तान और पांचवे स्थान पर भारत है. शुरूआत के सभी पांच देशों की हवा की गुणवत्ता खराब है.
- विश्व के कई देश वायु प्रदूषण की समस्या का सामना कर रहे हैं. ऐसे में जारी की गई यह रिपोर्ट बहुत ही अहम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने समयपूर्व हुई 70 लाख लोगों की मौत में से अधिकतर की वजह वायु प्रदूषण बताया है.
सबसे प्रदूषित टॉप देश
सबसे प्रदूषित विश्व के 30 शहरों में 21 भारत के
सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले विश्व के 30 शहरों में 21 भारत के हैं. इस सूची में दिल्ली एनसीआर का गाजियाबाद विश्व के सबसे प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया है. 2019 में यहां की औसत वायु गुणवत्ता 110.2 रही. इसके बाद चीन में होतन, पाकिस्तान में गुजरांवाला और फैसलाबाद और फिर दिल्ली का नाम है. दिल्ली के कुछ इलाकों में नवंबर 2019 में वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 को पार कर गया था.
सबसे प्रदूषित टॉप-10 शहर
क्यों पीएम 2.5 हानिकारक हैं?
पीएम 2.5 को विशेष रूप से हानिकारक माना जाता है क्योंकि वे फेफड़ों और हृदय प्रणाली की गहराई में प्रवेश करने हेतु काफी छोटे होते हैं. पीएम 2.5 में सल्फेट, नाइट्रेट तथा ब्लैक कार्बन जैसे प्रदूषक शामिल हैं. इस तरह के कण आसानी से पहुंचकर के फेफड़ों तथा हृदय की परेशानियों को बढ़ा सकते हैं.