भारत ने मार्च 2021 तक अनिवार्य रूप से भारतीय मानक (IS) व्यवस्था के तहत लगभग 371 श्रेणियों की वस्तुओं को शामिल करने का फैसला किया है. इन वस्तुओं में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, कागज, ग्लास, रबर का सामान, भारी मशीनरी, स्टील बार और स्टील ट्यूब शामिल हैं.
इनमें से अधिकांश आइटम जो भारत ने अपनी गुणवत्ता प्रतिबंध व्यवस्था के तहत शामिल करने की योजना बनाई है, वे बड़े पैमाने पर चीन से आयात किए जाते हैं. इस कदम से विभिन्न अवमानक वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगेगा.
इन चयनित वस्तुओं की पहचान पिछले साल वाणिज्य मंत्रालय ने की थी. हालाँकि, इस प्रक्रिया ने हाल ही में भारत द्वारा अपनी ‘आत्म-निर्भर भारत पहल’ पर ध्यान केंद्रित करने के साथ गति प्राप्त की है, जिसमें आयात कम करना और निर्यात बढ़ाना शामिल है.
- केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने चीनी उत्पादों सहित लगभग 371 आयातित वस्तुओं की पहचान की है. मंत्रालय अब इन वस्तुओं के लिए अनिवार्य मानकों की रूपरेखा तैयार करेगा.
- उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की दो वेबसाइट्स लॉन्च की हैं.
- सभी संबंधित मंत्रालय अब वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दी गई इस सूची से महत्वपूर्ण वस्तुओं की पहचान करेंगे. वे अनिवार्य मानक बनाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से भी संपर्क कर रहे हैं.
- अधिकांश उत्पादों के लिए मानक दिसंबर तक लागू होंगे और शेष के लिए ये अगले वर्ष मार्च, 2021 तक लागू हो जायेंगे.
- हालांकि कुछ ऐसी वस्तुओं के लिए ये मानक लागू नहीं होंगे जो कम गुणवत्ता में आयात की जाती हैं.
- मंत्रालय कांडला, JNPT और कोचीन जैसे सरकारी स्वामित्व वाले प्रमुख बंदरगाहों पर अपने अधिकारियों को तैनात करके नए मानकों को लागू करने की योजना बना रहा है. ये अधिकारी सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे और मौके पर परीक्षण करेंगे.
भारत विभिन्न उत्पादों के लिए बाजार निगरानी बढ़ायेगा
भारत ने अपने उत्पादों की बाजार निगरानी भी बढ़ा दी है. भारतीय मानक ब्यूरो का लक्ष्य वर्ष 2019-20 में देश की विभिन्न फैक्टरियों और बाजारों में निगरानी यात्राओं को लगभग 20,000 से बढ़ाकर, इस वर्ष एक लाख से अधिक करना है.
भारत में “एक देश-एक मानक (वन नेशन वन स्टैंडर्ड)” के लिए भी प्रक्रिया शुरू की गई है.
प्रभाव
यह कदम चीन से आयात किए जा रहे सामान पर भारी असर डाल सकता है. इन नए गुणवत्ता मानकों से बहुत सारे चीनी उत्पादों को भारतीय बाजार से अलग रखा जा सकता है. इस घोषणा के बाद सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 59 चीनी ऐप्स को भी प्रतिबंधित कर दिया.