भारत ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में चार यूनेस्को विरासत पुरस्कार जीते

Four Indian structures win UNESCO heritage awards for conservation

भारत ने हाल ही में सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में चार यूनेस्को विरासत पुरस्कार जीते है. यह पुरस्कार सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में दिया जाता है. यूनेस्को एशिया प्रशांत पुरस्कार हेतु मुंबई के फ्लोरा फाउंटेन तथा दो अन्य विरासत स्थल सहित कुल चार स्थानों को भारत से चुना गया है.

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण हेतु इस पुरस्कार की घोषणा मलेशिया में आयोजित एक समारोह में की गई. इस पुरस्कार हेतु जिन चार स्थानों का चयनित किया गया है, उनमें अहमदाबाद स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान का विक्रम साराभाई पुस्तकालय शामिल है. इसके अतिरिक्त ये पुरस्कार केनेसेठ इलियाहू सिनेगाग, ग्लोरी चर्च तथा फ्लोरा फाउंटेन को मिला है. ये तीनों स्थान मुंबई में स्थित है.

विश्व धरोहर स्थल के बारे में

  • विश्व धरोहर वह स्थल होते हैं जो ऐतिहासिक तथा पर्यावरण के हिसाब से भी महत्वपूर्ण होते हैं.
  • इनका अंतरराष्ट्रीय महत्व होता है. विश्व धरोहर स्थल को बचाये रखने के लिए खास कदम उठाए जाने की जरूरत होती है.
  • संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ऐसे स्थलों को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता प्रदान करती है.
  • यूनेस्को कोई भी स्थल जिसे समझता है कि यह मानवता हेतु बहुत जरूरी है.
  • यूनेस्को वैसे स्थल को विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता देती है.

यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार

  • सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण हेतु यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार की स्थापना साल 2000 में की गयी थी.
  • इस पुरस्कार से उन व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने ऐतिहासिक धरोहर की इमारतों के संरक्षण हेतु काम किया है.
  • इसका मुख्य उद्देश्य इस प्रकार की इमारतों के मालिकों को भवनों के संरक्षण हेतु प्रेरित करना है.
 

यूनेस्को के बारे में

  • यूनेस्को का कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति तथा समझबूझ को बढ़ावा देना है.
  • यूनेस्को की स्थापना साल 1945 में की गई थी. इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है.
  • भारत सरकार ने यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए साल 1949 में एक अंतरिम ‘भारतीय राष्ट्रीय आयोग’ का गठन किया था.