भारत, दुनिया में सल्फर डाइऑक्साइड का सबसे बड़ा उत्सर्जनकर्ता: ग्रीनपीस

भारत, विश्व में मानवजनित सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) का सबसे बड़ा उत्सर्जनकर्ता देश है. पर्यावरण संरक्षण से जुड़े एनजीओ ग्रीनपीस द्वारा 19 अगस्त 2019 को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है. कोयला जलाने से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होता है और वायु प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होती है.

ग्रीनपीस द्वारा जारी नासा के आंकड़ों के एक विश्लेषण से पता चलता है कि विश्व के सभी मानवजनित सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) उत्सर्जन के हॉटस्पॉट की तुलना में भारत में 15 प्रतिशत अधिक है. SO2 हॉटस्पॉट का पता ओएमआई (ओजोन मॉनिटरिंग इंस्ट्रूमेंट) उपग्रह द्वारा लगाया गया था.

भारत में SO2 हॉटस्पॉट

  • भारत में मुख्य SO2 उत्सर्जन हॉटस्पॉट मध्य प्रदेश के सिंगरौली, तमिलनाडु के नेवेली और चेन्नई, ओडिशा के तालचेर और झारसुगुड़ा, छत्तीसगढ़ के कोरबा, गुजरात के कच्छ, तेलंगाना के रामागुंडम और महाराष्ट्र में चंद्रपुर और कोराडी शामिल हैं.
  • अध्ययन के मुताबिक, भारत में अधिकतर संयंत्रों में वायु प्रदूषण कम करने हेतु फ्लु-गैस डिसल्फराइजेशन तकनीक का अभाव है.

विश्व में SO2 हॉटस्पॉट

  • नासा के आंकड़ों के मुताबिक, रूस का नोरिल्स्क स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स विश्व में SO2 उत्सर्जन का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है.
  • इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के म्पुमलांगा प्रांत का क्रिएल और ईरान का जागरोज हैं.
  • हालांकि विश्व रैंकिंग के मुताबिक, SO2 का उत्सर्जन करने में भारत इस सूची में सबसे ऊपर है क्योंकि यहां SO2 उत्सर्जन के सबसे अधिक हॉटस्पॉट हैं.

विश्व में सबसे ज्यादा SO2 उत्सर्जित करने वाले पांच देश

क्रम संख्यादेशकिलोटन प्रति वर्ष
1भारत586
2रूस683
3चीन578
4मेक्सिको897
5ईरान820

SO2 उत्सर्जन प्रभाव

  • वायु प्रदूषण में SO2 उत्सर्जन का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है.
  • वातावरण में SO2 का सबसे बड़ा स्रोत बिजली संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकायों में जीवाश्म ईंधनों का जलना है.
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण का संबंध सीधा लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.
  • विश्व की 91 प्रतिशत आबादी उन इलाकों में रहती है, जहां बाहरी वायु प्रदूषण विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) की तय सीमा को पार कर चुका है.
  • परिणाम यह है की प्रत्येक साल 40 लाख से अधिक लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हो रही है.

SO2 उत्सर्जन को कैसे नियंत्रित करें?

  • पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को कोयला बिजली संयंत्रों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
  • विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण न फैलाने वाले ईंधनों की तरफ जाना चाहिए.
  • वायु प्रदूषण और जलवायु आपातकाल का एक ही समाधान है.