भारत की युवा महिला ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने हाल ही में वर्ल्ड रेपिड चैंपियनशिप 2019 का खिताब जीत लिया है. कोनेरू हंपी ने यह उपलब्धि 28 दिसंबर 2019 को ब्लिट्ज प्लेऑफ में चीन की लेई तिंगजी को हराकर अपने नाम की.
नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने पुरुषों की चैंपियनशिप में तीसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाया. भारत की सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर हंपी ने साल 2016 में शतरंज से संन्यास लेने का फैसला किया था. लेकिन, बाद में उसने खेल को फिर से शुरू किया और कई खिताब जीते.
उन्होंने इंटरनेशनल शतरंज फेडरेशन (FIDE) को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि यह उनका पहला विश्व खिताब है और इसने उसे वास्तव में उत्साहित कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें गेम जीतने की कोई उम्मीद नहीं थी.
कोनेरू हंपी के बारे में
- कोनेरू हंपी का जन्म 31 मार्च 1987 को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुआ था.
- वे भारत की सबसे कम उम्र की महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी हैं.
- इनका जनवरी 2010 में FIDE स्कोर 2614 था, जिससे वे संसार की दुसरे स्थान की (जुड़ीट पोल्गर के बाद) महिला शतरंज खिलाडी बन गई.
- उन्हें साल 2003 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, जबकि उन्हें साल 2007 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया.
- साल 2015 में, उन्होंने महिला विश्व टीम शतरंज चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता.
- कोनेरू हंपी साल 2009-2011, 2011-12, 2013-14 और 2015-16 में फिडे महिला ग्रैंड प्रिक्स श्रृंखला में उपविजेता रही.
विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप
विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप शतरंज के विश्व विजेता खिलाड़ी निश्चित करने के लिए खेली जाने वाली प्रतियोगिता हैं. यह एक समयबद्ध शतरंज टूर्नामेंट है जो प्रत्येक खिलाड़ी को प्रत्येक चाल के लिए सीमित समय देता है. इसे साल 2012 में इंटरनेशनल शतरंज फेडरेशन (FIDE) द्वारा मान्यता दी गई थी. FIDE वार्षिक रैपिड शतरंज टूर्नामेंट और ब्लिट्ज़ शतरंज चैम्पियनशिप का आयोजन करता है. वर्तमान विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन (पुरुष) मैग्नस कार्लसन है जबकि महिला वर्ग में कोनेरू हंपी वर्तमान विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन है.