समुद्र में मैत्री बढ़ाएगा आईएनएस सागरध्वनि

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित आईएनएस सागरध्‍वनि को समुद्री और संबंधित अंतरविषयी प्रशिक्षण व अनुसंधान पहल (सागर मैत्री) के लिए हाल ही में कोच्चि से रवाना किया गया. इस पोत के मिशन की परिकल्‍पना डीआरडीओ ने तैयार की थी जो प्रधानमंत्री के विजन ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (एसएजीएआर, सागर) के अनुरूप है.

सागर मैत्री अभियान

•    इस विज़न के तहत हिन्द महासागर क्षेत्र के सभी देशों के बीच सामाजिक-आर्थिक सहयोग तथा जल के अंदर की ध्वनि में समुद्री अनुसंधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
•    भारतीय नौसेना और एनपीओएल का यह मिशन दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करेगा और अनुसंधान को बेहतर बनाएगा. इसलिए इस मिशन का नाम सागर मैत्री रखा गया है.
•    सागर मैत्री मिशन का मुख्य उद्देश्य है अंडमान समुद्र और समीपवर्ती समुद्री क्षेत्र समेत संपूर्ण उत्तरी हिन्द महासागर में आकड़ों का संग्रह तथा समुद्र अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सभी हिन्द महासागर क्षेत्र के 8 देशों के साथ दीर्घावधि सहयोग स्थापित करना.

आईएनएस सागरध्वनि

भारतीय नौसना और एनपीओएल सोनार प्रणाली, पानी के अंदर निगरानी प्रौद्योगिकी तथा समुद्री पर्यावरण व समुद्री सामग्री पर संयुक्‍त रूप से अनुसंधान तथा विकास का कार्य कर रहे हैं. इसी के तहत एनी कार्यों के लिए आईएनएस सागरध्वनि को मिशन पर भेजा जाता है. सागरध्वनि द्वारा समुद्र के भीतर दुश्मन देश या प्राकृतिक आपदा का समय से पहले पता भी चल जाता है जिससे देश के संबंधित विभाग उस खतरे से निपटने में उचित कदम उठाने में सक्षम होते हैं.