अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2019

International Men's Day 2019: Inspirational quotes by famous men ...

विश्वभर में प्रत्येक साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) मनाया जाता है. यह दिवस प्रत्येक साल अपने समाज और परिवार में सकारात्‍मक बदलाव लाने को प्रत्‍साहन देने हेतु मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की तरह ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च को मनाया जाता है. यह दिवस मुख्य रूप से पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 80 देशों में 19 नवंबर को मनाया जाता है और यह यूनेस्को द्वारा भी समर्थित है. इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम- “मेकिंग अ डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉयज” है. भारत ने पहली बार साल 2007 में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया था. भारत में इसके बाद से ही प्रत्येक साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
 

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है. थॉमस ओस्टर द्वारा इस दिवस की शुरुआत 07 फरवरी 1992 को की गई थी. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की परियोजना की कल्पना एक साल पहले 08 फरवरी 1991 को की गई थी. इसके बाद इस परियोजना को साल 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में फिर से शुरू किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया में महिलाओं की तुलना में पुरुष 3 गुना अधिक आत्महत्या करते हैं. साथ ही, हर तीन में से एक आदमी घरेलू हिंसा का शिकार है. यह भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में दोगुने से अधिक पुरुष हृदय रोग से पीड़ित हैं. इसके कुछ उद्देश्य हैं:

  • पुरुषों के स्वास्थ्य एवं भलाई पर ध्यान केंद्रित करना है.
  • पुरुषों के विरुद्ध भेदभाव को उजागर करना.
  • लिंग संबंधों में सुधार एवं लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है.

भारत में पुरुष दिवस कैसे मनाया जाता है?

यह दिन विश्वभर के पुरुषों के लिए समर्पित है. इस दिन पुरुषों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यह दिवस भारत में उतना लोकप्रिय नहीं है लेकिन धीरे-धीरे इस दिन को मनाने का जोर पकड़ने लगा है. निजी संगठन, गैर-सरकारी संगठन और नागरिक समाज लोगों को पुरुषों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के लिए आगे आने हेतु प्रोत्साहित कर रहे हैं