ईरान हिंद महासागर में अपना स्थायी सैन्य बेस स्थापित करेगा

Iran To Establish Permanent Military Base In Indian Ocean | The ...

ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की मार्च 2021 तक हिंद महासागर में अपना एक स्थायी सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना है. यह घोषणा IRGC के नेवी कमांडर रियर एडमिरल अलिर्ज़ा तांगसिरी द्वारा की गई.

नेवी कमांडर ने यह बताया कि इस्लामिक रिपब्लिक के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को अपने देश से दूर पानी में एक स्थायी आधार स्थापित करने का काम सौंपा है.

ईरान हिंद महासागर में एक स्थायी सैन्य बेस क्यों स्थापित कर रहा है?

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने अंतर्राष्ट्रीय जल में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए हिंद महासागर में एक स्थायी सैन्य बेस स्थापित करने की योजना बनाई है.

IRGC के नेवी कमांडर ने यह बताया है कि, हिंद महासागर और ओमान के समुद्री क्षेत्र में समुद्री जहाजों और विदेशी जहाजों के द्वारा ईरानी मछुआरों को बार-बार परेशान किए जाने के कारण यह बेस स्थापित करने का निर्णय लिया गया था. कमांडर ने चेतावनी दी है कि, IRGC अब इस क्षेत्र में इस तरह के अतिक्रमण की अनुमति नहीं देगा.

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स नेवी ने अब तक दो नौसैनिक फ्लोटिलाज़ (समुद्री बेड़े) को हिंद महासागर में भेजा है.

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कौन हैं?

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ईरानी सशस्त्र बलों की एक शाखा है, जिसकी स्थापना 22 अप्रैल, 1979 को ईरान के पहले सर्वोच्च नेता, अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी के आदेश पर ईरानी क्रांति के बाद हुई थी. जबकि ईरानी सेना ईरानी सीमाओं का बचाव करती है और आंतरिक व्यवस्था बनाए रखती है, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड को देश की इस्लामी गणतंत्रीय राजनीतिक व्यवस्था का बचाव करना पड़ता है और विदेशी हस्तक्षेप और सेना द्वारा तख्तापलट की कोशिशों को नाकाम करना पड़ता है.

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 8 अप्रैल, 2019 को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को एक आतंकवादी संगठन के तौर पर नामित किया था जिसका उद्देश्य मध्य पूर्व में आतंकवादी भूखंडों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए ईरान के समर्थन को समाप्त करना था.

अमेरिका ने 3 जनवरी, 2020 को ड्रोन हमले में शीर्ष IRGC कमांडर कासेम सोलेमानी को मार डाला था. अमेरिका के मुताबिक, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी शाखा, क्वाड्स फोर्स के कमांडर कासेम सुलेमानी, अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर आसन्न हमलों की साजिश रच रहे थे.

सुलेमानी को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सटीक ड्रोन हमले का आदेश दिया गया था. अमेरिका के अनुसार, सुलेमानी विभिन्न अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर आसन्न हमलों की साजिश रच रहा था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान में सुलेमानी को एक कट्टर और प्रमुख बल के तौर पर जाना जाता था और यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. क्वाड्स फ़ोर्स खुद कनाडा, सऊदी अरब, बहरीन और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है.