जयपुर को यूनेस्को (UNESCO) विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला

यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में जयपुर की चारदीवारी को शामिल किया गया है. यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने 06 जुलाई 2019 को अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रही बैठक में यह निर्णय लिया.

इस बैठक में विश्व विरासत सूची में जयपुर शहर का नाम शामिल करने पर विमर्श हुआ. इस निर्णय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्विट कर खुशी जाहिर की है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया टि्वट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टि्वट कर लिखा की जयपुर संस्कृति और वीरता से जुड़ा शहर है. सुंदर और ऊर्जावान, जयपुर का अतिथि सत्कार सबको लुभाता है. यह प्रसन्नता का विषय है कि इस शहर को यूनेस्को की विरासत स्थल सूची में शामिल किया गया है.

जयपुर देश का यह दूसरा शहर है जो विश्व धरोहर सुची में शामिल किया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब विश्व के 16 देशों के प्रतिनिधियों नें जयपुर को हैरिटेज सिटी की लिस्ट में शामिल करने के लिए समर्थन दिया हैं. यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने अजरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित किए गए सम्मेलन में इसी घोषणा की.

यूनेस्को की गाइडलाइन के तहत एक राज्य से प्रत्येक साल सिर्फ एक स्थान को ही वर्ल्ड हेरिटेज बनाने के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है. हालांकि, जयपुर के आमेर किले और जंतर-मंतर को विश्व विरासत सूची में पहले ही जगह मिल चुकी हैं.

सरकार की ओर से अगस्त 2018 में पिंक सिटी (जयपुर) को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. यूनेस्कों के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव के बाद जयपुर सिटी का दौरा किया था. राजस्थान सरकार ने हाल ही में चारदिवारी क्षेत्र को नो-कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया था.

 

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा

जयपुर को हेरिटेज सिटी का दर्जा मिलने से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इससे लोकल अर्थव्यवस्था को में सुधार होगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इससे हस्तशिल्प और हस्तकरघा उद्योग को भी फायदा होना स्वभाविक है.

यूनेस्को की संस्था इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) की सिफारिश पर ही किसी भी शहर या क्षेत्र को अनूठी विरासत के कारण विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जाता है.

 

जयपुर शहर

  • जयपुर शहर की स्थापना साल 1727 में राजा जयसिंह ने की थी.
  • जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है.
  • यह अपनी स्थापत्य कला के कारण पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र है.
  • यहां की संस्कृति, वस्त्र सज्जा और लोकगीत लोगों को लुभाते रहे हैं.
  • सांस्कृतिक रूप से संपन्न राज्य राजस्थान की राजधानी है.
  • जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है.
  • देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है.