मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का 21 जुलाई 2020 को सुबह निधन हो गया. वे 85 साल के थे. लालजी टंडन बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ में चल रहा था. लालजी टंडन के बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्विटर पर अपने पिता की मृत्यु की पुष्टि करते हुए लिखा कि- ‘बाबूजी नहीं रहे’.
लालजी टंडन को 11 जून को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बाद लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था. उनकी अनुपस्थिति में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त दायित्व सौंप दिया गया था. उनके निधन पर यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. बीजेपी से लेकर बीएसपी तक कई बड़े नेता सोशल मीडिया पर उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लालजी टंडन के निधन पर दुख जताया है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में लिखा कि लालजी टंडन को उनकी समाज सेवा के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने बीजेपी को यूपी में मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण रोल निभाया. उन्होंने एक प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई, हमेशा लोक कल्याण को महत्व दिया.
बिहार के मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल और बिहार के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि लालजी टंडन एक लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक व प्रख्यात शिक्षाविद थे.
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर के माध्यम से लिखा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन के निधन में, हमने एक दिग्गज नेता को खो दिया है. मैं उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं.
लालजी टंडन काफी लंबे समय से बीमार थे. उन्हें सांस लेने में परेशानी थी और किडनी में दिक्कत थी. यही कारण रहा कि पहले उन्हें 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर उनका ऑपरेशन भी किया गया. लखनऊ के एक अस्पताल में लगातार बड़े डॉक्टर उनकी देखभाल में जुटे हुए थे, हालांकि उनकी हालात लगातार गंभीर बनी हुई थी.
लालजी टंडन के बारे में
- लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 में हुआ था. अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे.
- उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की. इसके बाद 1958 में लालजी टंडन का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ था.
- लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे.
- लालजी टंडन को बेहद सामान्य जीवनशैली वाला नेता माना जाता था.
- उन्होंने कल्याण सिंह सरकार और मायावती सरकार में बतौर मंत्री भी काम किया.
- लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ था. उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था.
- वे प्रदेश की भाजपा सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे.
- लालजी टंडन को साल 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया था.
- उन्हें इसके बाद साल 2019 में मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
- वे साल 1996 से साल 2009 के बीच तीन बार उत्तर प्रदेश से ही विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.