भारतीय सेना की अधिकारी सुमन गवनी को ‘संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सैन्य जेंडर ऐडवोकेट ऑफ द ईयर के अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जाएगा. ऐसा पहली बार होगा जब किसी भारतीय शांति रक्षक को इस अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. सुमन गवनी संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत दक्षिण सूडान में तैनात थीं. हाल ही में उन्होंने अपना मिशन पूरा किया है.
सुमन गवनी के साथ ब्राजील सेना की एक कमांडर कर्ला मोंटेइरो डे कास्त्रो अराउजो को भी जेंडर ऐडवोकेट ऑफ द ईयर से सम्मानित किया जाएगा. इस अवॉर्ड के लिए नामों का घोषणा करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने दोनों महिलाओं को ‘प्रभावशाली आदर्श’ बताया है.
पहली बार किसी भारतीय को मिलेगा सम्मान
मेजर सुमन गवनी और ब्राजील की नौसेना अधिकारी कमांडर कर्ला मोंटेइरो डे’ कास्त्रो अराउजो को संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत अंतरराष्ट्रीय दिवस के दिन 29 मई 2020 को आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा. इन दोनों महिलाओं को एक ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये सम्मानित किया जायेगा. कोविड– 19 के चलते लॉकडाउन की वजह से ये फैसला लिया गया है. सैन्य पर्यवेक्षक सुमन गवनी ने हाल ही में दक्षिण सूडान में अपना मिशन पूरा किया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि इन्होंने अपने काम के जरिए उन लोगों में विश्वास जगाया है, जिनके लिए हम काम करते हैं. दोनों ब्लू हेलमेट्स के लिए प्रेरणा हैं. संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों को ब्लू हेलमेट कहा जाता है. वे आबादी को खतरों से बचाते हैं और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं.
मेजर सुमन गवनी के बारे में
- सुमन गवनी मूल रूप से उत्तराखंड के टिहरी के पोखर गांव की रहने वाली हैं.
- सुमन गवनी की स्कूली शिक्षा उत्तरकाशी और टिहरी में हुई है. उन्होंने दून के डीएवी पीजी कालेज से बीएड किया है.
- उन्होंने साल 2010 में भारतीय सेना में बतौर अफसर प्रशिक्षण पूरा किया और साल 2011 में भारतीय सेना में शामिल हुई.
- उन्होंने बाद में आर्मी सिंगल कॉर्प्स जॉइन किया.
- सुमन गवनी के भाई वायु सेना में और बहन भी थल सेना में अफसर हैं.
- अभी फिलहाल मेजर सुमन गवनी दिल्ली में कार्यरत हैं.