पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने अपनी 22-24 अप्रैल की बैठक में नए संसद भवन के निर्माण के लिए सेंट्रल विस्टा की परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस पूरी परियोजना की लागत 922 करोड़ रुपये होगी. इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा विकास परियोजना को रोकने से इनकार कर दिया था.
सेंट्रल विस्टा समिति की इस नई योजना को मंजूरी दे दी गई है जिसका सिविल सोसायटी संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है. इस विशाल परियोजना को हरी झंडी सामान्य परिस्थितियों जैसे पर्यावरणीय जिम्मेदारी और न्यूनतम पेड़ काटने के साथ दी गई थी.
- नए संसद भवन के निर्माण के लिए निर्णय ऐसे समय पर आया है जबकि नए परिसर के लिए भूमि-उपयोग परिवर्तन से संबंधित विशेष अनुमति याचिका भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है.
- इस परियोजना को पारित करने वाले पर्यावरण मंत्रालय के पैनल ने यह कहा है कि नए संसद भवन के लिए मंजूरी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अधीन है.
- केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने इस बारे में यह स्पष्ट किया है कि सांस्कृतिक, परिदृश्य और अन्य मूल्यों के संबंध में, दिल्ली शहरी कला आयोग (DUAC) और सेंट्रल विस्टा समिति, जिसे विशेष रूप से यह काम सौंपा गया है, इन दोनों के द्वारा प्रस्तावित संसद भवन निर्माण की समीक्षा की जायेगी.
- मौजूदा संकट के समय नए संसद भवन के निर्माण की आवश्यकता के संबंध में टिप्पणियों के संबंध में, CPWD ने यह कहा कि पुराने संसद भवन का निर्माण 93 साल पहले किया गया था और अब इसका पुनर्निर्माण करना आवश्यक है.
- पुराने संसद भवन को रेट्रोफिटिंग की आवश्यकता है और यह केवल तभी किया जा सकता है जब पूरा भवन खाली हो और यह तभी हो सकता है जब नए भवन का निर्माण हो.
- CPWD ने यह भी स्पष्ट किया कि संसद भवन के जीर्णोद्धार और विस्तार के विपरीत सेंट्रल विस्टा के अन्य भवनों का पुनर्विकास अलग है.
- CPWD ने आश्वासन दिया कि नए परिसर के निर्माण के दौरान मौजूदा स्तर से अधिक वायु प्रदूषण नहीं होगा.
- विरासत मूल्य के बारे में जागरूक होने के कारण, CPWD ने कहा कि संसद भवन के विरासत मूल्य की रक्षा करने के अतिरिक्त, अन्य व्यावहारिक पहलुओं जैसे बैठने की व्यवस्था और भारतीयों की भावी पीढ़ियों के उपयोग के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस परियोजना की कल्पना की गई है.
नए संसद भवन की लागत:
CPWD ने ऐसे परियोजना विनिर्देशों के कारण इस परियोजना की लागत 776 करोड़ रुपये से 922 करोड़ रुपये तक उचित ठहराई है, जिन्हें मंजूरी दी गई थी. इस परियोजना में भावी उपयोगकर्ताओं की विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे राज्यसभा सचिवालय, सुरक्षा एजेंसियों और लोकसभा सचिवालय आदि को भी शामिल किया गया है.
सेंट्रल विस्टा परियोजना: आपके लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी
- इस सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा अक्टूबर 2019 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री द्वारा की गई थी और इस परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
- एक गुजरात आधारित वास्तुकला फर्म, HCP डिजाइन को इस परियोजना के लिए निविदा जारी की गई है.
- इस परियोजना के तहत केंद्रीय सचिवालय के दक्षिण और उत्तर ब्लॉक, संसद भवन और 3 किमी लंबे राजपथ का पुनर्निर्माण करने की योजना है.
- इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत, जुलाई 2022 तक नया संसद भवन और मार्च 2024 तक सार्वजनिक केंद्रीय सचिवालय तैयार हो जाएगा.
- सरकार ने इस परियोजना की आवश्यकता पर बल दिया है और संसद भवन की पुरानी अवसंरचना और अपर्याप्त स्थान के नवीकरण का उल्लेख किया है.
- सार्वजनिक केंद्रीय सचिवालय की मांग पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है जिससे सभी सरकारी कार्यालय एक भवन में स्थापित हो सकेंगे.
- मौजूदा संसद भवन के निकट ही त्रिकोणीय आकार का संसद भवन बनाया जाएगा.
- एक बार यह परियोजना पूरी हो जाने के बाद, संसद में बैठने की क्षमता 545 सीटों से बढ़कर 900 सीटों तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है.
- इस परियोजना के तहत निर्माण भवन, कृषि भवन और विज्ञान भवन को ध्वस्त किया जाएगा.
- विभिन्न मंत्रालयों के कार्यालयों को समायोजित करने के लिए, सार्वजनिक सचिवालय के लिए 87 मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा.
- केंद्रीय सचिवालय के उत्तर और दक्षिण ब्लॉक को संग्रहालयों में बदल दिया जाएगा.
- प्रधान मंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवासों का पुनर्निर्माण किया जाएगा.
- कोई भी नई इमारत इंडिया गेट से ऊंची नहीं होगी.
सेंट्रल विस्टा परियोजना से संबंधित विवाद:
यह परियोजना विवादों में घिरी है और कई कारणों से जांच का विषय भी रही है. यह दलील दी गई है कि यह परियोजना दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करेगी जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी कार्यालयों का विकेंद्रीकरण करना है.
इस परियोजना के संबंध में पर्यावरण पर आधारित चिंताएं भी थीं, जिनमें यह बताया गया था कि इस परियोजना में भूमि के एक ऐसे बड़े हिस्से का इस्तेमाल हो सकता है, वर्तमान में जिसका उपयोग जनता द्वारा मनोरंजन के उद्देश्य से किया जा रहा है.