मिजोरम मंत्रिमंडल ने 22 मई 2020 को राज्य में खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए खेलों को उद्योग का दर्जा दिया. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने कहा कि मंत्रिमंडल ने खेल और युवा मामले के विभाग के प्रस्ताव ‘खेल को उद्योग का दर्जा देने’ को मंजूरी दे दी.
खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने इस फैसले को ‘ऐतिहासिक’ और ‘अभूतपूर्व’ करार देते हुए कहा कि इससे राज्य में खेल और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास की शुरूआत होगी. उन्होंने कहा कि यह खेलों के समग्र विकास के प्रति राज्यों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
मिजोरम ने निवेश को आकर्षित कर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए खेल को उद्योग का दर्जा दिया है. मिजोरम ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है. खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि इस कदम से राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
मिजोरम ने खेल जगत में अपनी पहचान बनाई
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से मिजोरम ने देश से खेल जगत में अपनी पहचान बनाई है. मिजोरम ने खासकर फुटबाल में अपनी पहचान बनाई है. राज्य के कई खिलाड़ी देश के अलग-अलग फुटबाल क्लबों में खेल रहे हैं. इस राज्य ने फुटबॉल के अतिरिक्त हॉकी और भारत्तोलन में भी अच्छा किया है.
- खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे के अनुसार साल 2010 से राष्ट्रीय स्तर पर यह चर्चा चल रही थी खेल को उद्योग का दर्जा दिया जाए क्योंकि खेल राज्य का मुद्दा है इसमें केंद्र सरकार का सीमित योगदान है.
- मिजोरम सरकार ने 22 मई 2020 को खेल को उद्योग का दर्जा दिया.
फुटबॉल स्टेडियम बनाने की योजना
- राज्य के फुटबाल क्लब आइजोल के मालिका और खेल मंत्री रोयटे ने कहा कि कई अन्य इंडस्ट्रीज ने इस फैसले के बाद राज्य में रुचि दिखाई है.
- उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण स्तर पर खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
- सरकार, निजी और कॉरपोरेट फर्म खेल को समर्थन देने में रूचि लेंगी.
- खेल मंत्री ने कहा कि सरकार की योजना ऊंजा फुटबॉल स्टेडियम बनाने की है.
- मिजोरम के लगभग 150 खिलाड़ी भारत की शीर्ष फुटबॉल लीग इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में खेलते हैं.