मुंबई-नागपुर सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे अब शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के नाम से जाना जाएगा. महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने हाल ही में मुंबई-नागपुर के बीच निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे ‘महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ का नाम बदलकर ‘हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ करने का फैसला किया है.
यह जानकारी हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे ने दी. एकनाथ शिंदे ने कहा कि 46 हजार करोड़ रुपये की परियोजना का नाम दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के नाम पर रखने के प्रस्ताव पर कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने मंजूरी दी है. इसमें कांग्रेस और एनसीपी के मंत्री भी शामिल हैं.
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे 701 किलोमीटर लंबा
मुंबई-नागपुर सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे 701 किलोमीटर लंबा है. यह अभी निर्माणाधीन है. आठ लेन वाले इस कॉरिडोर को ‘महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग’ के नाम से भी जाना जाता है. इस परियोजना की शुरुआत पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार ने की थी. इस परियोजना में शिवसेना भी सहयोगी थी. यह एक्सप्रेसवे दस जिलों, 26 तहसील तथा 390 गांवों से गुजरेगा. इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा की दूरी 15-16 घंटे से कम होकर लगभग 08 घंटे मात्र रह जाएगी.
इसमें ‘समृद्धि राजमार्ग’ के लिए 3500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी आवंटित करने का फैसला भी शामिल है. करीब 46,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाला 701 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे दस ज़िलों से गुज़रेगा.
बाला साहेब ठाकरे के बारे में
- बाल केशव ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को पुणे में हुआ था. वे महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे.
- बाल केशव ठाकरे ने शिव सेना के नाम से एक प्रखर हिन्दू राष्ट्रवादी दल का गठन किया है. उन्होंने साल 1966 में ‘शिव सेना’ की स्थापना की. उन्हें लोग प्यार से ‘बाला साहेब ठाकरे’ भी कहते थे.
- वे मराठी में ‘सामना’ नामक अखबार निकालते थे. उनके अनुयायी उन्हें ‘हिन्दू हृदय सम्राट’ कहते थे.
- उन्होंने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था. वे पहले अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे.
- साल 1995 में भाजपा-शिवसेना के गठबन्धन ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई. बाल ठाकरे अपने उत्तेजित करने वाले बयानों के लिये जाने जाते थे.