नासा ने मंगल मिशन ‘मार्स 2020’ लॉन्च किया

Join NASA for the Launch of the Mars 2020 Perseverance Rover ...

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 30 जुलाई 2020 को मंगल मिशन ‘मार्स 2020’ लॉन्च किया. यह मिशन अमेरिकी समय अनुसार सुबह 7 बजकर 50 मिनट और भारतीय समयानुसार शाम 5 बजकर 20 मिनट पर लॉन्‍च किया गया. यह नासा के सबसे महत्‍वाकांक्षी मिशन में से एक है.

मंगल ग्रह की चट्टान को पहली बार धरती पर लाकर किसी प्राचीन जीवन के प्रमाण की जांच के लिए उसका विश्लेषण करने के वास्ते नासा ने अब तक का सबसे बड़ा और जटिल रोवर प्रक्षेपित किया है. लंबे समय तक चलने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत कार के आकार का रोवर बनाया गया है जो कैमरा, माइक्रोफोन, ड्रिल और लेजर से युक्त है.

यह मिशन मंगल ग्रह पर कब पहुंचेगा
 

कार के आकार का वाहन 25 कैमरों, दो माइक्रोफोन, ड्रिल मशीन और लेजर उपकरण के साथ मंगल ग्रह के लिए भेजा गया है. यह सात महीने में 48 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर फरवरी 2021 में मंगल पर पहुंचेगा. यह वहां पर जीवन की संभावना को देखते हुए आवश्यक प्रयोग करेगा और लौटते समय वहां की मार्टियन चट्टान का टुकड़ा भी धरती पर लाएगा. उस चट्टान के अध्ययन से वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि मंगल ग्रह पर भी कभी जीव का वास था या नहीं.

जानें इस रोवर की खासियत

अमेरिका ने बड़ी तैयारियों के साथ अपना मार्स रोवर भेजा है. प्लूटोनियम चालित छह पहियों का यह रोवर मंगल ग्रह की जमीन ड्रिलिंग का काम करेगा और वह टुकड़े एकत्रित करेगा. मार्स रोवर ऐसे बहुत सारे नमूने लेकर 2031 में धरती पर लौटेगा. अमेरिका अपने इस अभियान पर आठ अरब डॉलर (60 हजार करोड़ रुपये) खर्च कर रहा है.

नौवीं बार अभियान

अमेरिका अकेला देश है जिसने मंगल ग्रह के लिए नौवीं बार अभियान शुरू किया है. इससे पहले के उसके सभी आठ अभियान सफल और सुरक्षित रहे हैं. इस बार के अभियान में चीन ने भी रोवर और ऑर्बिटर मंगल के लिए रवाना किया है, जो वहां से कई तरह की जानकारियां एकत्रित करेंगे.

रोवर मंगल पर यह करेगा
 

मंगल ग्रह पर भेजे जा रहे रोवर को प्राचीन माइक्रोबियल जीवन के खगोलीय सबूत की खोज करने हेतु खास तौर पर डिज़ाइन किया गया है. इसका काम प्राचीन जीवन के संकेतों की तलाश करना और पृथ्वी पर संभावित वापसी के लिए चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करना है. इसके अतिरिक्त, यह भविष्य के रोबोट और मनुष्‍य की खोजों के संबंध में टेक्‍नोलॉजी आदि का प्रदर्शन करेगा.

अमेरिका तीसरा देश

  • हाल के दिनों में चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद अमेरिका तीसरा देश बना है जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना उपग्रह रवाना किया है.
  • तीनों ही उपग्रह फरवरी में मंगल पर पहुंचेंगे और अपने प्रयोग करेंगे.