राष्ट्रीय एकता दिवस 2019

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के कार्यक्रम में ...

राष्ट्रीय एकता दिवस 2019: राष्ट्रीय एकता दिवस या National Unity Day हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हें ‘भारत के लौह पुरुष’ के रूप में भी जाना जाता है. राष्ट्रीय एकता दिवस 2019 की शुरुआत वल्लभभाई पटेल की 144वीं जयंती से की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में स्टैचू ऑफ यूनिटी में उनकी जयंती पर सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देकर राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, वल्लभभाई पटेल को दर्शाती है. वे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारत के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर, जम्मू और कश्मीर राज्य में धारा-370 वापस लेने का निर्णय सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित किया. पीएम मोदी ने उनके संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक बार कहा था कि यदि कश्मीर का मुद्दा उनके द्वारा संभाला जाता तो इसे हल करने में इतना समय नहीं लगता. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में आज अस्तित्व में आ गये हैं.

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में भी हिस्सा लिया. इसके तहत ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम भारत में सभी क्षेत्रों के नागरिकों को पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु पूरे देश में आयोजित किया जा रहा है.

 

राष्ट्रीय एकता दिवस-2019 का मुख्य विषय राष्ट्र को संघर्ष और बढ़ते चरमपंथ के समय में एकजुट करना है. इस दिन सरदार वल्लभभाई पटेल का सम्मान किया जाता है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और बाद में सभी रियासतों के भारतीय संघ में एकीकरण के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

स्टैचू ऑफ यूनिटी

सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर 31 अक्टूबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया गया था. दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी वल्लभभाई पटेल को दर्शाने वाली मूर्ति को प्रमुख भारतीय मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा डिजाइन किया गया है. गुजरात के केवडिया जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी पर स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को स्थापित किया गया है. यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में भी जानी जाती है.

सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में
 

• सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप-प्रधान मंत्री थे. उन्होंने 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी. 
• पटेल को ‘लौह पुरुष’ के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि वे कई बाधाओं के बावजूद सभी रियासतों को नए स्वतंत्र भारत में सफलतापूर्वक एकीकृत करने में सफल रहे थे. सरदार वल्लभभाई पटेल को भारतीय गणराज्य के संस्थापकों में से एक माना जाता है.
• सरदार वल्लभभाई पटेल ने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन और खादी आंदोलन का भी समर्थन किया था और केवल खादी के कपड़े पहनने का विकल्प चुना था.
• उन्हें 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 49वें अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन को बढ़ावा देने में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी.
• पहले गृह मंत्री के रूप में, उन्होंने विभाजन के दौरान भारत के राजनीतिक एकीकरण की दिशा में काम किया और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में देश का संचालन भी किया.
• सरदार पटेल को हृदयघात होने के कारण 15 दिसंबर 1950 को उनका बॉम्बे में निधन हो गया. उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.