राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020

वोट नहीं देने पर भरना पड़ता है जुर्माना! #National voters day 2020 पर जानें  ये खास बातें - national voters day 2020 penalty if not voted know special  things on national voters day

भारत में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करना है. मतदान करना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का अधिकार है क्योंकि प्रत्येक वोट नई सरकार और लोकतंत्र के भाग्य का फैसला करता है.

इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विषय है – Electoral Literacy for Stronger Democracy’. इस दिन, विभिन्न भाषण प्रतियोगिताओं, अभियान, नए मतदाताओं को वोटर आईडी वितरण, मतदाताओं की फोटोग्राफी, आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को हुई थी. राष्ट्रीय मतदाता दिवस पहली बार 25 जनवरी, 2011 को मनाया गया था. यह चुनाव आयोग का 61वां स्थापना दिवस था. 2011 से प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को ही मनाया जाता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व

चुनाव आयोग का उद्देश्य उन सभी व्यस्कों और पात्र मतदाताओं की पहचान करना है, जिनकी उम्र एक जनवरी को पूरे देश के सभी मतदान केंद्रों में 18 वर्ष हो गई है. भारत में मतदान के लिए 18 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है. 18 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक भारत में सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में मतदान का अधिकार प्राप्त करता है.

भारत में मतादाता का अधिकार
चुनाव आयोग मतदाता को एक पहचान पत्र प्रदान करता है, जिसे मतदाता पहचान पत्र भी कहा जाता है. कोई भी व्यक्ति केवल तभी मतदान कर सकता है जब उसका नाम चुनावी सूची में शामिल हो. यदि किसी कारण से मतदाता सूची से नाम हटा दिया गया है, तो मतदाता के पास मतदाता पहचान पत्र होने पर भी वोट नहीं डाला जा सकता है. यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश का नागरिक बन जाता है तो भी वह भारत में मतदान का अधिकार खो देगा.

भारतीय आयोग भारत में संघ और राज्य चुनाव कराने के लिए एक स्वायत्त संवैधानिक संगठन है. यह भारत में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं के चुनाव और देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों का संचालन करता है.