ओडिशा सरकार ने आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्य के पद्म पुरस्कार विजेताओं को हर माह 10000 रुपये देने का फैसला किया

ओडिशा सरकार ने हाल ही में आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्य के पद्म पुरस्कार विजेताओं को हर माह 10,000 रुपये देने का फैसला किया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के संस्कृति विभाग के प्रस्ताव को 08 जुलाई 2019 को मंजूरी दे दी.

इससे पहले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आर्थिक संकट से जूझ रहे इन पुरस्कार विजेताओं के हालात के बारे में संस्कृति विभाग को अध्ययन करने को कहा था. उल्लेखनीय है कि राज्य के चार पद्मश्री विजेता हालदर नाग, दैतारी नाइक, कमला पुजारी और जितेंद्र हरिपाल हाल ही में अपनी गरीबी के कारण सुर्खियों में थे.

ओडिशा राज्य के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कुल 84 लोगों को अब तक यह पुरस्कार मिल चुका है, जिनमें से 45 का निधन हो चुका है. शेष 39 लोगों की आर्थिक दशा अनिश्चित है.

2018 में पद्म श्री पाने वाने आदिवासी किसान 75 वर्षीय दैतारी नाइक ने हाल ही में कहा था कि वह अपना सम्मान वापस लौटा देंगे क्योंकि सम्मानित होने के बाद गांव के लोग उन्हें काम नहीं दे रहे है.

पहाड़ों के बीच से तीन किलोमीटर लंबी नहर खोदने के लिए 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किये गये थे. उन्होंने कहा था कि लोग मुझे काम नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है यह मेरे लिए उचित नहीं है. उनकी माली हालत खराब थी.

पद्म श्री के बारे में

  • पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है.
  • यह सम्मान जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है.
  • भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है. इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है.
  • इसके अग्रभाग पर, “पद्म” और “श्री” शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं.