केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय महिलाओं हेतु ‘गोल’ (जीओएएल-गोइंग ऑनलाइन एज लीडर्स) के दूसरे चरण की घोषणा की. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर की जनजातीय युवा महिलाओं को डिजिटल रूप से प्रोत्साहित और प्रशिक्षित करना है.
कार्यक्रम ‘गोल’ के जरिए वंचित युवा जनजातीय महिलाओं को व्यापार, फैशन और कला क्षेत्रों के वरिष्ठ विशेषज्ञों से जोड़ा जाता है, जिससे की वे डिजिटल और जीवन कौशल सीख सकें. कार्यक्रम के दूसरे चरण में जनजातीय कार्य मंत्रालय और फेसबुक भारत के जनजातीय बहुल जिलों में करीब पांच हजार युवा महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगे.
गोल कार्यक्रम के बारे में
- ‘गोल’ कार्यक्रम के इस साझेदारी के जरिए आर्थिक और सामाजिक रूप से सीमांत युवा महिलाओं का प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में मार्गदर्शन किया जायेगा.
- मौजूदा कार्यक्रम में पंजीकृत पश्चिम बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र के प्रतिभागियों ने भी इसमें हिस्सा लिया है.
- इस कार्यक्रम में 125 से अधिक युवा महिलाओं ने पंजीकरण कराया है. इस कार्यक्रम की शुरूआत मार्च 2019 में हुई थी.
- इनमें से अधिकतर महिलाएं अपने समुदायों की समस्याओं को उजागर करने हेतु इंटरनेट का उपयोग करती हैं तथा इन सभी महिलाओं ने अपना स्वयं का कारोबार शुरू करने की इच्छा भी व्यक्त की.
कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व
- फेसबुक महिलाओं की डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बनाकर डिजिटल लैंगिक अंतराल को कम करने हेतु प्रतिबद्ध है.
- यह कार्यक्रम इसलिए अहम है, क्योंकि इसके माध्यम से युवा महिलाओं में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने का काम किया जाता है.
- उन सभी महिलाओं को जो अपने कौशल को उन्नत करने तथा आधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से अपनी आजीविका उत्थान करने की इच्छा रखते हैं, इस पहल का लाभ उठा सकती हैं.
- इस कार्यक्रम से जनजातीय क्षेत्रों की युवा महिलाओं को अपना कौशल विकास करने में सहायता मिलेगी.
- नीति आयोग इन प्रतिभाशाली महिलाओं को अपने प्रयासों में सफल बनाने हेतु प्रतिबद्ध है.
- यह कार्यक्रम सक्रिय रूप से नेतृत्व क्षमता का निर्माण करने हेतु इन युवा आदिवासी महिलाओं का समर्थन करता है और उन्हें चैंपियन बनने और दूसरों के साथ अपनी सीख साझा करने में मदद करता है.
भारत में जनजातीय जनसंख्या
- 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में लगभग 104 मिलियन आदिवासी लोग रह रहे हैं.
- अधिकांश आदिवासी झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और कुछ उत्तर-पूर्वी राज्यों में रह रहे हैं.