शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के नाम पर सौरमंडल में अब मंगल और बृहस्पति के बीच एक छोटा सा ग्रह मूर्धन्य होगा. वे यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय कलाकार हैं. इस सम्मान की जानकारी पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने दी.
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के खगोलविद और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने 13 साल पहले इस ग्रह की खोज की थी. इसी ग्रह का नाम शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के नाम पर रखा जा रहा है.
इसकी आधिकारिक घोषणा आईएयू ने 23 सितंबर 2019 को एक उद्धरण के साथ की थी. शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय गायन के अग्रणी हैं.
माइनर ग्रह के बारे में
- यह छोटा ग्रह (माइनर प्लैनेट) 2006 वीपी 32 (नंबर-300128) है.
- इस ग्रह की खोज 11 नवंबर 2006 को हुई थी. इस ग्रह को ‘बौने’ ग्रह के रूप में भी जाना जाता है.
- यह ग्रह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच भ्रमण करता है.
- पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 अर्थात 280130 है और इस ग्रह का नम्बर 300128 है. लेकिन अब इस ग्रह को ‘पंडित जसराज’ के नाम से जाना जायेगा.
यह सम्मान पाने वाले विश्व भर में चौथे संगीतकार
- पंडित जसराज भारत के पहले संगीतकार हैं और विश्व भर में चौथे संगीतकार हैं, जिनके नाम पर अंतरिक्ष में ग्रहों के नाम रखे गए हैं.
- उनसे पहले अब तक महान संगीतकार मोजार्ट, बीठोवेन और टेनर लुसीआनो पावारोत्ति के नाम पर ग्रहों के नामकरण किया गया है.
पंडित जसराज के बारे में
- पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार में हुआ था. वे भारत के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायकों में से एक हैं.
- वे संगीत के मेवात घराने से ताल्लुक रखते हैं. पंडित जसराज ने संगीत की अपनी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की.
- उनके बड़े भाई पंडित मनीराम ने शुरुआत में उन्हें शास्त्रीय गायक के रूप में प्रशिक्षित किया और बाद में मेवात घराने के गुलाम कादर खान ने उन्हें प्रशिक्षित किया था.
- संगीत को अपना जीवन समर्पित करने वाले पंडित जसराज को कई सम्मान मिले चुके हैं.
- उन्हें पद्म विभूषण (2000), पद्म भूषण (1990), पद्म श्री (1975) तथा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.