पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की

Andrzej Duda, Poland's conservative president, wins second term ...

इस 12 जुलाई, 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनावों में पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने अपने प्रतिद्वंद्वी रफ़ाल ट्रज़स्कोवस्की को बहुत कम वोटों से हरा दिया. वोटों की गिनती 13 जुलाई को हुई थी.

वर्ष 1989 में राष्ट्र में कम्युनिस्ट शासन की समाप्ति के बाद से वर्ष 2020 का पोलिश राष्ट्रपति चुनाव सबसे कम अंतर से मिली जीत वाला राष्ट्रपति चुनाव था. आंद्रेज डूडा ने 51.2 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि रफ़ाल ट्रज़स्कोवस्की को 48.97 प्रतिशत वोट मिले. देश में कुल मतदान 68.18 प्रतिशत हुआ था.

आंद्रेजेज डूडा राष्ट्रवादी कानून और न्याय पार्टी की अगुवाई वाली सरकार के साथ संबद्ध एक सामाजिक रूढ़िवादी है. दूसरी ओर, रफ़ाल ट्रज़स्कोवस्की वारसॉ का एक सामाजिक उदारवादी महापौर है. 

महत्व
 

हालांकि वर्ष 1989 में साम्यवाद के पतन के बाद पोलैंड का राष्ट्रपति चुनाव अब तक सबसे कम अंतर के साथ जीता गया चुनाव था, फिर भी राष्ट्रपति डूडा ने अधिक वोट जीते, जिसका का मतलब है – एक स्पष्ट जनादेश. पोलिश सरकार ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यह वादा किया था कि, कोविड महामारी के बीच कई पोलिश परिवारों को गरीबी से उबरने में मदद करने के लिए यह सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेगी. इसके अलावा, प्रमुख चुनावी एजेंडा में से एक, यूरोपीय संघ के साथ पोलैंड के तनावपूर्ण संबंधों के भविष्य के बारे में नीति-निर्धारण था.

 
  • पहले पोलिश राष्ट्रपति चुनाव मई के महीने में होने वाले थे, जब डूडा के पास बेहतर बहुमत था और वे अधिक बेहतर परिणाम के साथ जीत सकते थे.
  • पोलिश सरकार मई के महीने में ही मतदान करवाने के लिए उत्सुक थी, हालांकि कोरोना वायरस महामारी अभी इस राष्ट्र में अपने चरम पर नहीं थी.
  • अंत में, सरकार ने राजनीति से पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अपना पूरा फोकस रखने के कारण देश में मतदान स्थगित करने का फैसला किया.
  • अब डूडा की इस कम अंतर से हासिल जीत के बाद न्यायपालिका में विवादास्पद सुधारों और गर्भपात और एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए निरंतर विरोध का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है.
  • इस चुनाव प्रचार के दौरान वर्तमान राष्ट्रपति की यह टिप्पणी करने के लिए भारी आलोचना की गई थी कि, एलजीबीटी अधिकार एक विचारधारा थी जो साम्यवाद से अधिक विनाशकारी थी.
  • अगर एलजीबीटी अधिकारों की बात की जाए तो, पोलैंड को अक्सर सबसे खराब यूरोपीय राष्ट्र के तौर पर माना जाता है.

प्रभाव

  • राष्ट्रपति के इस मतदान में आंद्रेजेज डूडा की जीत का मतलब है कि अगले संसदीय चुनाव तक लॉ एंड जस्टिस पार्टी (पीआईएस) अपने कार्यक्रमों को बिना किसी बाधा के लागू कर सकेगी, जोकि अगले तीन साल के बाद होने हैं.
  • यह पार्टी स्थानीय शासन और मीडिया पर अधिक राजनीतिक नियंत्रण हासिल करने का भी प्रयास कर सकती है.
पृष्ठभूमि
 
  • पोलैंड की सत्तारूढ़ कानून और न्याय पार्टी न्यायपालिका में पूर्ण सुधार करना चाहती है.
  • इस नीति की यूरोपीय संघ के साथ कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी कड़ी आलोचना की है, क्योंकि यह पोलैंड के पारंपरिक कानून के शासन को कमजोर करता है.
  • यह पोलैंड और यूरोपीय संघ के बीच तनाव का प्रमुख कारण भी रहा है.