राष्ट्रपति ने डॉ. धर्मशक्तु को अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार से किया सम्मानित

President confers International Gandhi Awards for Leprosy

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 06 फरवरी 2020 को कुष्ठरोग के उन्मूलन की दिशा में किए गए प्रयासों हेतु अंतरराष्‍ट्रीय गांधी पुरस्कार प्रदान किए. राष्ट्रपति ने डॉ. एन.एस. धर्मशक्तु को व्यक्तिगत श्रेणी तथा कुष्ठरोग मिशन ट्रस्ट को संस्थागत श्रेणी में अंतरराष्‍ट्रीय गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया.

राष्ट्रपति ने कहा कि हमने पिछले सालों में कुष्ठ रोग के खिलाफ चलाए गए अभियान में काफी कुछ हासिल किया है. उन्होंने कहा कि कुष्ठ नियंत्रण गतिविधियों में प्रमुख चुनौती नियंत्रण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित रखना तथा इसमें सततता बनाए रखना है.

पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों और संगठनों द्वारा कुष्ठ रोग से लड़ने हेतु उत्कृष्ट कार्य को पहचानना तथा इससे जुड़े पूर्वाग्रहों को खत्म करना है.कुष्ठ रोग एक हवा जनित संक्रामक रोग है. यह रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्रे बैक्टीरिया के फैलने से होता है.

अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार

  • अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार की स्थापना गांधी स्मारक कुष्ठ फाउंडेशन ने साल 1950 में की थी. इस पुरस्कार का उद्देश्य कुष्ठ रोग के प्रति महात्मा गांधी की सेवा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है.
  • यह पुरस्कार कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में व्यक्तियों तथा संस्थाओं के सराहनीय योगदान को मान्यता देता है. यह पुरस्कार प्रति दूसरे वर्ष कुष्ठ रोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने हेतु व्यक्तियों / संस्थाओं को दिया जाता है.

पृष्ठभूमि

  • भारत ने पिछले वर्षों में कुष्ठ रोग के खिलाफ अपनी लड़ाई में बहुत कुछ हासिल किया है.
  • प्रति दस हजार आबादी पर एक मामले से भी कम के रूप में परिभाषित कुष्ठ उन्मूलन के स्तर को हासिल किया गया है.
  • इसके अतिरिक्त, कुष्ठ रोग के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा उसे एक सामाजिक अभिशाप के रूप में देखने का चलन, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, संगठनों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं के निरंतर काम की बदौलत काफी कम हो गया है.
  • हालाँकि इसके बावजूद हम इस रोग के खिलाफ अपनी सतर्कता कम नहीं कर सकते क्‍योंकि इसके नए मामले प्रकाश में आते रहते हैं.
  • कुष्ठ रोगों के मामलों के शीघ्र पता लगाने की दिशा में अपने प्रयासों को तेज करने के साथ ही इसके उपचार हेतु आसान पहुंच सुनिश्चित करना तथा ऐसे क्षेत्रों में एकीकृत कुष्ठरोग निवारण सेवाएं प्रदान करना है, जिन क्षेत्रों में इस रोग को लेकर ज्यादा ध्यान दिए जाने का प्रयोजन हैं.