वैज्ञानिकों का दावा, आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत का होल हुआ ठीक

Earth finally fixes the largest ozone layer hole

पृथ्वी के बाहरी वातावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ओजोन परत पर बना सबसे बड़ा छेद  ही ठीक हो गया है. असामान्य वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में सबसे बड़ा छेद बंद हो गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष मार्च में वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार छेद की पहचान की गई थी.

वैज्ञानिकों ने पुष्टि है कि आर्कटिक के ऊपर बना दस लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि वाला छेद बंद हो गया है. यूरोपीय आयोग की ओर से लागू किए गए कॉपरनिकस एटमॉसफेयर मॉनिटरिंग सर्विस (सीएएमएस) और कॉपरनिकस चेंज सर्विस (सी3एस) ने अब पुष्टि की है कि उत्तरी ध्रुव पर बना यह छेद अपने आप ठीक हो गया है.

मुख्य बिंदु
 
  • माना जा रहा था कि ये छेद उत्तरी ध्रुव पर कम तापमान के परिणामस्वरूप बना था. ओजोन की यह परत सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है.
  • यह किरणें त्वचा कैंसर का प्रमुख कारण हैं. यदि इस छेद का दायरा पृथ्वी के जनसंख्या वाले मध्य और दक्षिण के इलाके की ओर बढ़ता तो इससे इंसानों के लिए सीधा खतरा पैदा हो जाता.
  • वैज्ञानिकों ने 1970 के दशक में पाया कि ओजोन परत मानव निर्मित गतिविधियों के कारण समाप्त हो रही है, जिससे पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा पैदा हो गया है.
  • वैज्ञानिकों ने मार्च में उत्तरी ध्रुव के ऊपर ओजोन परत में एक छेद बनाने के संकेत देखे थे और सोचा था कि यह कम तापमान का परिणाम है.
  • यह ओजोन परत का सबसे बड़ा छेद माना जाता है, और इससे दक्षिण की ओर एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
  • वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि ओजोन परत में 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर चौड़ा छेद ठीक हो गया है. वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोनो वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण के कम स्तर के कारण छेद का बंद होना नहीं है. यह माना जाता है कि ध्रुवीय भंवर, उच्च ऊंचाई वाली धाराएं जो ध्रुवीय क्षेत्रों में ठंडी हवा लाती है उसी कारण से ये परत ठीक हुई है.
बंद होने का क्या कारण है?
 
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस छेद के बंद होने की वजह समतापमंडल का गरम होना है. अप्रैल महीने से उत्तरी ध्रुव का तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है.
  • इस कारण आर्कटिक के ऊपर की समतापमंडल परत भी गर्म होने लगी और ओजोन परत में ओजोन की मात्रा बढ़ने लगी यानी वह छेद बंद हो गया.

ओजोन परत क्या है?

  • पृथ्वी के वायुमंडल में क्षोभमंडल और समतापमंडल के बीच 15 से 30 किलोमीटर में ओजोन की बहुतायात होती है जिसे ओजोन परत कहते हैं.
  • यह सूर्य से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोक देती है.
  • ओजोन परत में छेद का मतलब उस क्षेत्र में ओजोन की मात्रा बहुत ही कम हो जाना होता है.