श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रुर्बन मिशन ने चार साल पूरे किये

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रुर्बन मिशन (SPMRM) ने 21 फरवरी, 2020 को अपने चार साल पूरे किए. इस मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 फरवरी, 2016 को लॉन्च किया था. इस योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने के लिए एक मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रुर्बन मिशन, लोकेशन प्लानिंग पर आधारित क्लस्टर विकास मॉडल है. यह देश भर में ग्रामीण समूहों की पहचान करता है जहां शहरीकरण के बढ़ते संकेत जैसे कि शहरी घनत्व में वृद्धि, गैर-कृषि रोजगार के उच्च स्तर, बढ़ती हुई आर्थिक गतिविधि और शहरीकरण के अन्य लक्षण पाए जाते हैं.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी नेशनल रुर्बन मिशन के बारे में
 
  • इस मिशन का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास को एक नई गति प्रदान करना है.
  • यह बुनियादी सेवाओं को बढ़ाकर और अच्छी तरह से संगठित ग्रामीण समूहों का निर्माण करके इन ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन प्रदान करने के लिए काम करता है.
  • इससे क्षेत्र का समग्र विकास होता है और एकीकृत और समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलता है.
  • यह मिशन समयबद्ध और समग्र रूप से 300 ग्रामीण समूहों के विकास की परिकल्पना करता है.
  • इसके लिए लगभग 296 समूहों का चयन किया गया है और 288 एकीकृत क्लस्टर एक्शन प्लान (ICAP) को मंजूरी दी गई है.
  • इसके अलावा, 240 समूहों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दी गई है.
 
  • ‘रुर्बन क्लस्टर’ मैदानी और तटीय क्षेत्रों में लगभग 25,000 से 50,000 और रेगिस्तान, पहाड़ी या आदिवासी क्षेत्रों में 5,000 से 15,000 की आबादी के साथ मौजूद गांवों का एक समूह है.
  • प्रत्येक ग्राम क्लस्टर ग्राम पंचायतों के प्रशासनिक अभिसरण की इकाई है और प्रशासनिक सुविधा के लिए ब्लॉक/तहसील के अंतर्गत कार्य करता है.

चयन के घटक

SPMRM समूहों को इसके आधारभूत सर्वेक्षण के दौरान निम्नलिखित घटकों के आधार पर चयन किया जाता है: (i) सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर, (ii) रूरल हाउसिंग, (iii) एग्री-सर्विसेज प्रोसेसिंग एंड अलाइड एक्टिविटीज़, (iv) विद्युतीकरण स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, (v) गाँव की सड़कों तक पहुँच, (vi) गाँव की आंतरिक सड़कें, (vii) पाइप्ड वाटर सप्लाई, (viii) स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग, (ix) एलपीजी गैस कनेक्शन, (x) स्वास्थ्य, (xi) शिक्षा, (xii) डिजिटल साक्षरता, (xiii) नागरिक सेवा केंद्र, (xiv) ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, (xv) पर्यावरण, (xvi) रोजगार सृजन और SHG निर्माण, (xvii) पर्यटन संवर्धन, (xviii) ग्राम सड़क रोशनी और (xix) स्वच्छता, (xx) सार्वजनिक परिवहन, (xxi) समाज कल्याण.