ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद का 11 जनवरी 2020 को निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. सुल्तान के निधन के बाद ओमान में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा कर दी गई है. वे लम्बे समय तक गद्दी पर रहे तथा इस दौरान उन्होंने राष्ट्रहित के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए.
उन्होंने ओमान के आर्थिक विकास के लिए तेल से होने वाली कमाई का प्रयोग किया. सुल्तान काबूस शादीशुदा नहीं थे, इसलिए उनके उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की गई है. ओमानी सल्तनत के नियमों के अनुसार तख्त के खाली रहने के तीन दिनों के अंदर शाही परिवार परिषद नया सुल्तान चुनेगी. गौरतलब है कि शाही परिवार परिषद में लगभग 50 पुरुष सदस्य हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
प्रधानमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, “मुझे महामहिम सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख पहुंचा है. वह दूरदर्शी नेता और राजनेता थे जिन्होंने ओमान को आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाई। वह हमारे क्षेत्र और विश्व के लिए शान्ति के अग्रदूत थे.”
सुल्तान कबूस बिन सैद
- सुल्तान काबूस वर्ष 1970 से लगातार इस पद पर बने हुए थे. उन्होंने 1970 में ओमान की पूर्व औपनिवेशिक सत्ता ब्रिटेन की मदद से तख्तापलट किया था. उनकी कोई संतान नहीं थी और उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाया था.
- ओमान के आधुनिकीकरण और विकास के लिए अपने तेल राजस्व का उपयोग करने के उद्देश्य से, काबूस 23 जुलाई 1970 को अपने पिता के खिलाफ एक सफल तख्तापलट के बाद सिंहासन पर आसीन हुए.
- उन्होंने घोषणा की कि देश को अब मस्कट और ओमान के रूप में नहीं जाना जाएगा, बल्कि इसकी राजनीतिक एकता को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए इसका नाम बदलकर “ओमान सल्तनत” कर दिया गया.
- ओमान में सभी राजनीतिक शक्तियां सुल्तान में केंद्रित होती हैं. वह सशस्त्र बलों के कर्मचारियों, रक्षा मंत्री, विदेश मामलों के मंत्री और सेंट्रल बैंक का प्रमुख होता है.