Sushma Swaraj Birth Anniversary: प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर किया गया सुषमा स्वराज भवन

Pravasi Bhartiya Kendra renamed as Sushma Swaraj Bhawan

केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2020 को प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर ‘सुषमा स्वराज भवन’ कर दिया है. इसके अतिरिक्त राजनयिकों को प्रशिक्षण देने वाले विदेश सेवा संस्थान का नाम भी ‘सुषमा स्वराज विदेश संस्थान’ किया गया है.

केंद्र सरकार का यह फैसला उनकी 68वीं जयंती से एक दिन पहले सामने आया है. भवन का नामाकरण विश्वभर में संकट में फंसे भारतीयों से संपर्क साधने में संवेदना प्रदर्शित करने के लिए मशहूर रहीं पूर्व विदेश मंत्री के सम्मान में किया गया है. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जयंती आज (14 फरवरी) है.

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह फैसला उनके द्वारा किए गए कामों और विदेश मंत्री के तौर पर शानदार सेवा करने के लिए सम्मान के तौर पर लिया गया है. सुषमा स्वराज विदेश मंत्री रहते हुए काफी लोकप्रिय रहीं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि हम सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं जिनका 68वां जन्मदिन है.

सुषमा स्वराज की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, बेटी बांसुरी स्वराज ने उन्हें याद करते हुए असाधारण नेता बताया है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी की वरिष्ठ नेता को उनकी दयालु प्रकृति के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री का दायित्व संभाला था

  • सुषमा स्वराज ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री का दायित्व संभाला था.
  • उन्होंने भारतीय कूटनीति में मानवीय पहल तथा करूणा को समाहित करने का काम किया था. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इन दोनों संस्थानों का नया नामकरण भारतीय कूटनीति में सुषमा स्वराज के ‘अमूल्य योगदान’ को सम्मान है.

सुषमा स्वराज के बारे में

  • सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था.
  • उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा अम्बाला और कानून की डिग्री पंजाब यूनिवर्सिटी से हासिल की थी.
  • उन्होंने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए भी अनेक कोशिश किए थे.
  • वे एक प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ ट्विटर पर भी आम लोगों से संवाद करने तथा उनकी समस्याओं को सुलझाने हेतु जानी जाती रही हैं.
  • सुषमा स्वराज सात बार सांसद रह चुकी हैं. इसमें छह बार लोकसभा, एक बार राज्य सभा और तीन बार विधायक भी रही थीं.
  • वे मात्र 25 वर्ष की आयु में भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं थीं. इसके अतिरिक्त, वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भीं बनीं थीं.
  • वे देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने तथा संसद में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पाने वाली पहली महिला भी ही हैं.
  • वे 29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री एवं संसदीय विषयों की मंत्री भी रहीं.
  • उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में 26 मई 2014 से 24 मई 2019 तक बतौर विदेश मंत्री अपनी सेवाएं प्रदान कीं.
  • उनका निधन अगस्त 2019 में 67 साल की उम्र में हो गया था.