विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) ने भारत की राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला (NDTL) की मान्यता को अगले छह महीने के लिए निलंबित करने का फैसला सुनाया है. वाडा के इस फैसले से भारतीय खिलाडियों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों व प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं.
हालांकि भारत में खेल मंत्रालय द्वारा डोपिंग रोधी अभियान चलाया जा रहा है ऐसे में वाडा द्वारा देश की डोप टेस्टिंग प्रयोगशाला को निलम्बित किया जाना सरकारी अभियान के लिए एक झटका है. गौरतलब है कि तोक्यो ओलंपिक के आयोजन में एक वर्ष का भी समय नहीं बचा है.
मुख्य बिंदु
- हाल ही में वाडा के अधिकारियों द्वारा भारतीय प्रयोगशाला का दौरा करने पर इसे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं पाया. इसलिए यह निलंबन इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स फॉर लैबोरेटरीज के साथ गैर-अनुरूपता के कारण लगाया गया है.
- वाडा ने यह भी कहा कि यह प्रयोगशाला विशेषज्ञ समूह (LabEG) ने WADA मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की स्थिति के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है.
- NDTL को तत्काल प्रभाव से सभी परीक्षण प्रक्रियाओं को रोकने का निर्देश दिया गया है और सभी नमूनों को सुरक्षित रूप से एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में ले जाने की आवश्यकता है.
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) अब भी नमूने एकत्र कर सकती है लेकिन उसे NDTL के निलंबन की अवधि के दौरान नमूनों की जांच देश के बाहर ऐसी प्रयोगशाला से करानी होगी जो वाडा से मान्यता प्राप्त हो.
विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (वाडा)
- विश्व डोपिंग विरोधी संस्था (वाडा) अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है.
- अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वाडा की स्थापना 10 नवंबर 1999 को स्विट्जरलैंड के लुसेन शहर में की गई थी.
- वर्तमान में वाडा का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में है.
- यह संस्था विश्व भर में वैज्ञानिक शोध, एंटीडोपिंग के विकास की क्षमता में वृद्धि और दुनिया भर में वर्ल्ड एंटी डोपिंग कोड पर अपनी निगाह रखती है.
- वाडा हर साल प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करता है, जिनके विश्व के तमाम देशों में खेलों के दौरान प्रयोग पर रोक होती है.
- जांच में ही दोषी पाये जाने पर खिलाड़ी पर वाडा किसी भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा सकता है.