अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस प्रत्येक साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है. आज पूरा विश्व 7वां अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहा है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को पहली बार साल 2012 में मनाया गया था.
इस दिवस को बढ़ावा देने हेतु इस दिन अलग-अलग देशों में विभिन्न प्रकार के आयोजन भी किये जाते हैं. इस आयोजन के तहत लड़कियों की शिक्षा, उनके कानूनी अधिकार, पोषण, चिकित्सा देखभाल के प्रति उन्हें जागरूक किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण करना तथा उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों एवं कठिनाईयों की पहचान करना है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि समाज में जागरूकता लाकर लड़कियों को वे समान अधिकार दिलाये जा सकें, जो कि लड़कों को दिये गये हैं.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2019 का थीम “Girl Force: Unscripted and Unstoppable” है. महिलाओं ने लैंगिक तथा प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों से लेकर समान वेतन तक के विषयों पर वैश्विक आंदोलनों का नेतृत्व किया है. लडकियों को अब कम उम्र में शादी करने के लिए भी जोर नहीं किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने 19 दिसंबर 2011 को प्रस्ताव संख्या 66/170 को पारित किया था. प्रत्येक साल इस मंजूरी के साथ 11 अक्टूबर को ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी. पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस साल 2012 में मनाया गया था. पहले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का थीम ‘बाल विवाह की समाप्ति’ था.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ एक विशेष योजना:
केंद्र सरकार ने बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने हेतु ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत साल 2015 किया था. केंद्र सरकार ने बालिकाओं को सशक्त बनाने हेतु कई प्रकार की योजनाओं को लागू किया है. 24 जनवरी को प्रत्येक साल भारत में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ मनाया जाता है.