विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) 13 फरवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है. यह दिवस रेडियो के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग को ताकतवर बनाने का एक साधन है. यही कारण है कि सोशल मीडिया पर लोग बढ़-चढ़कर बधाइयां दे रहे हैं.
आज भी करोड़ों लोग रेडियो सुनते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेडियो को एक नई दिशा दी है. वे रेडियो पर ‘मन की बात’ कहते हैं जिसे सुनने हेतु करोड़ों लोग रेडियो का उपयोग करते हैं. इस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो को दोबारा लोगों के घर में पहुंचाया है.
विश्व रेडियो दिवस 2020 का थीम- ‘रेडियो और विविधता’ (Radio and Diversity) है. इस बार (2020) का थीम विविधता और बहुभाषावाद पर केंद्रित है. इसमें कोई शक नहीं है कि रेडियो सबसे सुलभ मीडिया है. इसे विश्व के किसी भी स्थान से सुना जा सकता है. कोई भी व्यक्ति जो सही से पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं, वे भी रेडियो के जरिए जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.
विश्व रेडियो दिवस का उद्देश्य और महत्व
विश्व रेडियो दिवस मनाने का उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने हेतु जागरूकता फैलाना है. यह निर्णयकर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना एवं जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने तथा प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने हेतु भी प्रोत्साहित करता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 13 फरवरी को ‘विश्व रेडियो दिवस’ के रूप में घोषित करने के लिए एक संकल्प अपनाया गया तथा इसी प्रकार 13 फरवरी को प्रत्येक साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा.
- कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने 24 दिसम्बर 1906 की शाम जब अपना वॉयलिन बजाया तथा अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वे विश्व में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी.
- पहली बार रेडियो में विज्ञापन की शुरुआत साल 1923 में हुई. इसके बाद ब्रिटेन में बीबीसी और अमेरिका में सीबीएस और एनबीसी जैसे सरकारी रेडियो स्टेशनों की शुरुआत हुई.
- ली द फोरेस्ट ने साल 1918 में न्यूयॉर्क के हाईब्रिज इलाके में विश्व का पहला रेडियो स्टेशन शुरु किया था.
- सुभाष चंद्र बोस ने नवंबर 1941 में रेडियो पर जर्मनी से भारतवासियों को संबोधित किया था.
- भारत में रेडियो ब्रॉडकास्ट की शुरुआत साल 1923 में हुई थी.
- भारत में साल 1936 में सरकारी ‘इम्पेरियल रेडियो ऑफ इंडिया’ की शुरुआत हुई जो आजादी के बाद ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी बन गया.
- भारत में 214 सामुदायिक रेडियो प्रसारण केंद्र (कम्युनिटी रेडियो) हैं.